Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Laxmi Aarti Lyrics: धन की देवी को करना चाहते हैं प्रसन्न, तो शुक्रवार के दिन करें लक्ष्मी जी की आरती

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 09:08 AM (IST)

    लक्ष्मी मां की कृपा पाने के लिए शुक्रवार का दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा व आरती (Laxmi Aarti lyrics) करने से जीवन ...और पढ़ें

    Hero Image

    Laxmi Aarti Lyrics and meaning in hindi

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रतिदिन, खासकर शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना से साधक को विशेष लाभ मिल सकते हैं। कोई भी पूजा, आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में मां लक्ष्मी (Laxmi Aarti Lyrics and significance) की कृपा प्राप्ति के लिए शुक्रवार की पूजा में लक्ष्मी जी की आरती का पाठ जरूर करें। माता लक्ष्मी की आरती केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह धन, समृद्धि और शांति की देवी को प्रसन्न करने की एक प्रार्थना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ॥ आरती श्री लक्ष्मी जी ॥ (Laxmi Aarti Lyrics)

    ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

    तुमको निशदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥

    ॐ जय लक्ष्मी माता॥

    उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।

    सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥

    ॐ जय लक्ष्मी माता॥

    दुर्गा रूप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।

    जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

    ॐ जय लक्ष्मी माता॥

    lakshmi aarti i

    (AI Generated Image)

    लक्ष्मी आरती का भावार्थ (Meaning of Laxmi Aarti)

    लक्ष्मी आरती की पंक्तियों का मूल सार है -

    सर्वशक्तिमान स्वरूप: आरती में भक्त स्वीकार करता है कि माता लक्ष्मी धन की देवी होने के साथ-साथ उमा (पार्वती), रमा (विष्णु पत्नी) और ब्रह्माणी (सरस्वती) का रूप हैं। अर्थात शक्ति, पालन और ज्ञान सब उन्हीं में समाहित है।

    कष्टों का निवारण: भक्त कहता है कि जिस घर में आपका वास होता है, वहां से अंधकार रूपी अज्ञान और गरीबी दूर हो जाता है और शुभता आती है।

    सुख-संपत्ति की दाता: आरती का भाव है कि जो भी आपकी शरण में आता है, उसे रिद्धि-सिद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

    पापों का नाश: अंत में भक्त प्रार्थना करता है कि हे माता! आप मेरे पापों को हर लें और मुझे अपनी भक्ति का वरदान दें।

    लक्ष्मी आरती से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    प्रश्न 1. लक्ष्मी जी की आरती करने का सबसे सही समय कौन सा है?
    उत्तर: लक्ष्मी जी की आरती प्रतिदिन संध्या काल (सूर्यास्त के समय/गोधूलि बेला) में करना सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा, शुक्रवार के दिन भी लक्ष्मी जी की आरती का विशेष महत्व है, ( लक्ष्मी जी का दिन माना जाता है।

    प्रश्न 2. आरती करते समय किस दिशा में मुख होना चाहिए?
    उत्तर: आरती करते समय आपका मुख पूर्व (East) या फिर उत्तर (North) दिशा की ओर होना चाहिए। यह दिशाएं शुभ मानी जाती हैं।

    प्रश्न 3. आरती के लिए घी का दीपक जलाएं या कपूर का?
    उत्तर: आप लक्ष्मी जी की पूजा में घी के दीपक और कपूर (Camphor) दोनों का ही प्रयोग शुभ माना जाता है। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) समाप्त हो जाती है।

    प्रश्न 4. क्या सिर्फ पैसे के लिए लक्ष्मी आरती की जाती है?
    उत्तर: नहीं, लक्ष्मी जी केवल 'धन' की नहीं, बल्कि 'श्री' (समृद्धि, शोभा और अच्छे चरित्र) की देवी हैं। उनकी आरती घर में शांति, स्वास्थ्य और परिवार में प्रेम बनाए रखती है।

    यह भी पढ़ें - Shri Laxmi Chalisa: धन की देवी को प्रसन्न करने का महामंत्र, हर शुक्रवार करें श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ

    यह भी पढ़ें - Shri Laxmi Chalisa: धन की देवी को प्रसन्न करने का महामंत्र, हर शुक्रवार करें श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।