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Lakshmi Aarti 2019: 16 दिन के Mahalakshmi Vrat में जरूर करें माता लक्ष्मी की आरती

Lakshmi Aarti 2019 Mata Lakshmi ki aarti Om Jai Lakshmi Mata है। 06 सितंबर से 21 सितंबर तक चलने वाले इस महालक्ष्मी व्रत में प्रत्येक दिन पूजा के बाद माता लक्ष्मी की जाती है।

By kartikey.tiwariEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 01:25 PM (IST)
Lakshmi Aarti 2019: 16 दिन के Mahalakshmi Vrat में जरूर करें माता लक्ष्मी की आरती
Lakshmi Aarti 2019: 16 दिन के Mahalakshmi Vrat में जरूर करें माता लक्ष्मी की आरती

Lakshmi Aarti 2019: महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होता है, जो आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक चलता है। 16 दिनों का माता लक्ष्मी का व्रत 06 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस व्रत में विधि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और फलाहार करते हुए व्रत रखा जाता है। 06 सितंबर से 21 सितंबर तक चलने वाले इस महालक्ष्मी व्रत में प्रत्येक दिन पूजा के बाद माता लक्ष्मी की जाती है। कपूर या फिर घी के दीपक से माता लक्ष्मी की आरती करें, साथ ही घंटी बजाएं और आरती पाठ अवश्य करें।

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आारती के पश्चात उस प्रज्ज्वलित दीपक को किचन, बेडरूम, हॉल आदि में ले जाएं ताकि वहां की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाए। आरती करने और घंटी बजाने से घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जहां पर आप रुपये-पैसे और आभूषण आदि रखते हैं, वहां पर भी आरती का दीपक ले जाएं।

यदि आपको माता लक्ष्मी की आरती याद नहीं है तो आप परेशान न हों। हम यहां पर आपको माता लक्ष्मी की आरती दे रहे हैं-

माता लक्ष्मी की आरती/ Mata Lakshmi ki aarti

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निसदिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय...

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय...

तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय...

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय...

जिस घर तुम रहती, तहं सब सद्गुण आता ।

सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय...

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।

खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय...

Mahalakshmi Vrat 2019: राधाष्टमी से प्रारंभ होगा महालक्ष्मी का व्रत, धन-दौलत और वैभव से भर जाएगा घर

शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय...

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता।

उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय...


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