Laddu Gopal Puja: सुबह के समय इस तरह करें लड्डू गोपाल की सेवा, खुशियों की लग जाएगी झड़ी
लड्डू गोपाल जी को भगवान श्रीकृष्ण का ही बाल स्वरूप माना गया है। कई साधक लड्डू गोपाल (Laddu Gopal Seva Niyam) को अपने घर में विराजमान करते हैं और बड़े ही श्रद्धाभाव से उनकी पूजा-अर्चना और सेवा भी करते हैं। माना जाता है कि लड्डू गोपाल जी के आशीर्वाद से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। लड्डू गोपाल की सेवा से संबंधित कई नियम (Laddu Gopal Puja Niyam) बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखने पर साधक को पूजा का पूरा फल मिलता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सुबह के समय आपको किस तरह लड्डू गोपाल की सेवा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही जानते हैं लड्डू गोपाल जी से जुड़े कुछ जरूरी नियम।
इस तरह करें सेवा
सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद घंटी बजाकर लड्डू गोपाल को उठाएं। इसके बाद लड्डू गोपाल को स्नान करवाने के बाद उन्हें साफ-सुथरे वस्त्र पहनांए। स्नान करवाने के बाद उनके माथे पर चंदन का तिलक लगाकर और शृंगार करें। इसके बाद लड्डू गोपाल को तुलसी का पत्ता डालकर भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद मंदिर का पर्दा बंद कर दें। इसके बाद घंटी या ताली बजाकर पर्दा खोलें। भोग लगाने के बाद भोग के बर्तन को साफ कर दें।
भोग लगाने का मंत्र -
लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय इस मंत्र का जप जरूर करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र के जप भगवान आपके भोग को जल्दी स्वीकार करते हैं -
' त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाणे सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
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लड्डू गोपाल की सेवा से संबंधित नियम
लड्डू गोपाल की जी पूजा-अर्चना सुबह-शाम करनी चाहिए। काम-से-कम दिन में चार बार लड्डू गोपाल को भोग लगाना चाहिए। इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि उनका भोग हमेशा स्नान करने के बाद ही बनाएं। भोग पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि लड्डू गोपाल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में भोग नहीं लाना चाहिए। घर में कभी भी एक से अधिक मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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