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    Shiva Chalisa Paath: क्यों करते हैं शिव चालीसा का पाठ? जानें किस समय पढ़ना होता है बेहतर

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 12 Oct 2020 10:30 AM (IST)

    Shiva Chalisa Paath धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव चालीसा का पाठ करने से डर या भय से छुटकारा मिलता है। इसके लिए जय गणेश गिरीजा सुवन मंगल मूल सुजान कहत अयोध्या दास तुम देउ अभय वरदान वाली लाइन पढ़ें। इस पंक्ति को शाम के समय नहीं बल्कि सुबह पढ़ें।

    Shiva Chalisa Paath: हिन्दू धर्म में शिव चालीसा का खास महत्व है।

    Shiva Chalisa Paath: हिन्दू धर्म में शिव चालीसा का खास महत्व है। शिव जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है, तो आइए हम आपको शिव चालीसा की महिमा के बारे में बताते हैं। ज्योतिषविद् अनीष व्यास ने बताया कि हिन्दू धर्म में भक्त सरल भाषा में जो भगवान की प्रार्थना करता है, उसे चालीसा कहते हैं। शिव चालीसा का चालीसा कहने के पीछे एक कारण यह भी है कि इसमें चालीस पंक्तियां हैं। इस प्रकार लोकप्रिय शिव चालीसा का पाठ कर भक्त बहुत आसानी से अपने भगवान को प्रसन्न कर सकते हैं। शिव चालीसा के द्वारा आप अपने सभी दुख भूलकर शंकर भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह भक्त शिव जी को प्रसन्न कर अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं।

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    डर या भय से छुटकारे के लिए

    शिव चालीसा का पाठ करने से डर या भय से भी छुटकारा मिलता है। इसके लिए जय गणेश गिरीजा सुवन' मंगल मूल सुजान, कहते अयोध्या दास तुम' देउ अभय वरदान वाली लाइन पढ़ें। इस पंक्ति को शाम के समय नहीं बल्कि सुबह पढ़ें। इस प्रकार 40 दिन तक लगातार पढ़ें आपको लाभ मिलेगा।

    दुख निवारण के लिए

    अगर आप बहुत से परेशान और दुखी हैं, तो निराश न हों। शिव चलीसा की इस एक पंक्ति का जाप करें, देवन जबहिं जाय पुकारा' तबहिं दुख प्रभु आप निवारा। ध्यान दें, इस पंक्ति को रात में 11 बार पढ़ें और काम पूरा होने के बाद गरीबों के बीच मिठाई जरूर बांटें।

    सोमवार, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि आदि विशेष तिथि और दिनों में शिव चालीसा का पाठ फलदायी माना जाता है।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'