Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवरात्र: शक्‍त‍ि के तीसरे स्‍वरूप मां चंद्रघंटा देवी की मह‍िमा, जानें पूजन व‍िध‍ि

    By Shweta MishraEdited By:
    Updated: Sat, 23 Sep 2017 01:47 PM (IST)

    नवदुर्गा के हर रूप की एक अलग कहानी है और नौ दिन देवियों के व‍िभ‍िन्‍न रूपों की पूजा की जाती है। ऐसे में जानें देवी के तीसरे रूप की पूजन व‍िध‍ि और कैसे करें उन्‍हें खुश...

    नवरात्र: शक्‍त‍ि के तीसरे स्‍वरूप मां चंद्रघंटा देवी की मह‍िमा, जानें पूजन व‍िध‍ि

    ऐसा है तीसरा स्‍वरूप
    नवदुर्गा के नौ स्‍वरूपों में तीसरे द‍िन मां चंद्रघंटा देवी की पूजा होती है। यह शक्ति माता का शिवदूती स्वरूप है। चंद्रघंटा देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। ज‍िससे इनका मुख चंद्र के सामान प्रकाशमान होता रहता है। माता चंद्रघंटा ने असुरों के साथ युद्ध में घंटे की टंकार से ही उनका नाश कर दिया था। स‍िंह पर सवार मां दुर्गा अपने इस तीसरे स्वरूप में दस हाथों से शोभायमान होती हैं। इनके  हाथ खड्ग, बाण, अस्त्र-शस्‍त्र से व‍िभूष‍ित हैं।  

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे करें मां की पूजा

    इस द‍िन चंद्रघंटा देवी के इस मंत्र का जाप करना चाह‍िए। पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता । प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता...। मां की व‍िध‍िव‍िधान से पूजा अर्चना करनी चाह‍िए। सबसे पहले मां का साज श्रृंगार करना चाह‍िए। इसके बाद जल, पुष्‍प, दुर्वा, अक्षत, गुलाब, लौंग कपूर से मां की पूजा करना चा‍ह‍िए। इसके अलावा सुबह-शाम आरती करनी चाह‍ि‍ए और मां को खीर, हलवा या फ‍िर क‍िसी म‍िठाई से भोग लगाना चाहि‍ए।  

    खुशि‍यों का आगमन 

    मान्‍यता है क‍ि नवरात्र में माता रानी भक्‍तों द्वारा की जाने वाली पूजा प्रत्यक्ष रूप से स्‍वीकार करती हैं। मां की आराधना से भक्‍तों को व‍िशेष कृपा म‍िलती है। तीसरे द‍िन चंद्रघंटा देवी का आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। देवी मां के इस स्वरूप के दर्शन मात्र से ही भक्‍तों को वीरता और निर्भयता का अहसास होने लगता है। इसके साथ ही कल्याणकारी देवी जीवन में कष्टों से मुक्ति द‍िलाती हैं। जीवन में खुशि‍यों का आगमन होता है।