Shiv Puja Niyam: भगवान शिव की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, सभी संकटों से मिलेगी निजात
Shiv Puja Niyam धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को कई चीजें अर्पित न करने की सलाह दी गई है। अतः पूजा के समय भगवान शिव को भूलकर भी अखंडित चावल हल्दी सिंदूर शंख का जल तुलसी दल केतकी चंपा और केवड़ा के फूल आदि चीजें न अर्पित करें। इन चीजों के अर्पण से देवों के देव महादेव अप्रसन्न हो जाते हैं।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shiv Puja Niyam: सावन का महीना देवों के देव महादेव को प्रिय है। साधक सावन महीने में प्रतिदिन श्रद्धा भाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही मनोकामना पूर्ति हेतु व्रत उपवास भी रखते हैं। भगवान शिव की कृपा से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अत: सावन महीने में भक्ति भाव से सृष्टि के रचयिता की पूजा-उपासना करनी चाहिए। हालांकि, साधक अनजाने में भगवान शिव की पूजा करते समय कई गलतियां करते हैं। इसके चलते उन्हें शुभ फल नहीं प्राप्त होता है। अगर आप भी देवों के देव महादेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो सावन महीने में प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें। इस समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं-
पूजा के समय इन बातों का रखें ध्यान
- सनातन धर्म शास्त्रों में निहित है कि भगवान शिव कैलाश में विराजते हैं। खगोलीय मापदंड के अनुसार, कैलाश उत्तर दिशा में अवस्थित है। अतः घर की उत्तर दिशा में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें। साथ ही उत्तर दिशा में मुख कर भगवान शिव की पूजा करें।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में शिव परिवार की प्रतिमा या चित्र लगाने से सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। हालांकि, भगवान शिव के क्रोधित मुद्रा की प्रतिमा स्थापित न करें और न क्रोधित मुद्रा वाली तस्वीर घर में न लगाएं।
- धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को कई चीजें अर्पित न करने की सलाह दी गई है। अतः पूजा के समय भगवान शिव को भूलकर भी अखंडित चावल, हल्दी, सिंदूर, शंख का जल, तुलसी दल, केतकी, चंपा और केवड़ा के फूल आदि चीजें न अर्पित करें। इन चीजों के अर्पण से महादेव अप्रसन्न हो जाते हैं।
- अगर आप भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो सावन के महीने में देवों के देव महादेव संग माता पार्वती की पूजा करें। इस समय भगवान शिव का अभिषेक करें। हालांकि, पूजा करते समय एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि शिव परिवार के सभी सदस्यों की उपासना करें। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि साधक कार्तिकेय जी की पूजा करना भूल जाते हैं। अतः भगवान कार्तिकेय और नंदी जी की भी पूजा करें।
- धर्म शास्त्रों में निहित है कि देवों के देव महादेव की प्रतिमा घर में स्थापित करने के पश्चात प्रतिदिन विधि विधान से भगवान शिव की पूजा-उपासना करनी चाहिए। साथ ही पूजा गृह की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। पूजा गृह में साफ-सफाई न रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।