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    Belpatra Niyam: बेलपत्र तोड़ते समय इन बातों का रखें ध्यान, प्राप्त होगा भगवान शिव का आशीर्वाद

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 05 Jun 2023 01:26 PM (IST)

    Belpatra Niyam सनातन शास्त्रों में निहित है कि भगवान शिव को भांग धतूरा और बेलपत्र अति प्रिय है। इन चीजों के अर्पण से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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    Belpatra Niyam: बेलपत्र तोड़ते समय इन बातों का रखें ध्यान, प्राप्त होगा भगवान शिव का आशीर्वाद

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Bel Patra Niyam: सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन महादेव संग माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान शिव की पूजा भांग, धतूरा, आक, बेलपत्र, फल, फूल आदि चीजों से की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भगवान शिव को भांग, धतूरा, और बेलपत्र अति प्रिय है। इन चीजों के अर्पण से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बेलपत्र तोड़ने के कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन जरूरी है। अगर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो बेलपत्र तोड़ते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं-

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    बेलपत्र तोड़ने के नियम

    - बेलपत्र तोड़ने के समय भगवान शिव का स्मरण जरूर करें। आप चाहे तो 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। इससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    - सनातन शास्त्रों में निहित है कि चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि पर भूलकर भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।

    - सनातन धर्म में सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा-उपासना की जाती है। साधक पूजा के दौरान भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करते हैं। हालांकि, सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। धर्म शास्त्रों में सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ने की मनाही है।

    - टहनी समेत बेलपत्र कभी नहीं तोड़ना चाहिए। इससे दोष लगता है। भगवान शिव को तीन पत्तियों वाला बेलपत्र ही अर्पित करना चाहिए।

    - धर्म गुरुओं की मानें तो बेलपत्र कभी बासी नहीं होता है। अतः रविवार के दिन बेलपत्र तोड़कर रख लेना चाहिए। सोमवार के दिन बेलपत्र को जल में धोकर भगवान शिव को अर्पित करें।

    - भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अंगूठे, अनामिका और मध्यमा अंगुली की मदद से बेलपत्र अर्पित करें। आप जल में काले तिल, गंगाजल और बेल पत्र मिलाकर भी अर्घ्य दे सकते हैं। एक चीज का ध्यान रखें कि बेलपत्र की पत्तियां कटी-फटी न रहें। ऐसा करने से शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'