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    Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    By Shantanoo MishraEdited By:
    Updated: Tue, 08 Nov 2022 08:21 AM (IST)

    Kartik Purnima 2022 हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक मास में पड़ने वाले पूर्णिमा तिथि को बहुत पवित्र माना जाता है और इस दिन लोग व्रत रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान करने से विशेष लाभ मिलता है।

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    Kartik Purnima 2022: जानिए कब रखा जाएगा कार्तिक पूर्णिमा व्रत।

    नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Kartik Purnima 2022 Date and Time:  हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान दान का काफी अधिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का महत्व।

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    किवदंतियों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा तिथि (Kartik Purnima 2022 Tithi) के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था, जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। 

    कार्तिक पूर्णिमा 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2022 Shubh Muhurat)

    कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 7 नवंबर 2022, सोमवार शाम 04:15 से

    पूर्णिमा तिथि समाप्त: 8 नवंबर 2022, मंगलवार शाम 04:31 तक

    कार्तिक पूर्णिमा व्रत तिथि: 8 नवंबर 2022, मंगलवार

    पूजा का शुभ मुहूर्त: 8 नवंबर 2022 को शाम 05:31 से शाम 06:50 तक

    ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:53 से 05: 46 तक

    कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima 2022 Puja Vidhi)

    शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या पवित्र में स्नान करें। ऐसा अगर सम्भव नहीं है तो स्नान के पानी में गंगाजल मिला लें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य जरूर दें। ऐसा करने के बाद भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। इस दिन तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं।

    कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें स्नान-दान

    कार्तिक मास में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं। पद्मपुराण में भी यह भी बताया गया है कि भगवान विष्णु मत्स्य रूप में पवित्र नदियों और जल स्रोत में वास करते हैं। ऐसे में नदी में स्नान करें से व्यक्ति को वैकुण्ठ की प्राप्ति होती है और उसे मानसिक व शारीरिक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।