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    July 2021 Skanda Sashti: आज है स्कंद षष्ठी, जानें तिथि, व्रत एवं पूजा विधि तथा महत्व

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 15 Jul 2021 08:25 AM (IST)

    July 2021 Skanda Sashti हिन्दी पंचांग के अनुसार स्कंद षष्ठी का व्रत हर मास की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र और देवताओं के सेनापति स्कंद कुमार यानी भगवान कार्तिकेय की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

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    July 2021 Skanda Sashti: आज है स्कंद षष्ठी, जानें तिथि, व्रत एवं पूजा विधि तथा महत्व

    July 2021 Skanda Sashti: हिन्दी पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी का व्रत हर मास की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस बार आषाढ़ मास की स्कंद षष्ठी का व्रत आज 15 जुलाई दिन गुरुवार को है। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र और देवताओं के सेनापति स्कंद कुमार यानी भगवान कार्तिकेय की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। स्कंद षष्ठी का व्रत मुख्यत: लोग दक्षिण भारत में रखते हैं। स्कंद षष्ठी को संतान षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को करने से संतान को सभी प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है। आइए जानते है स्कंद षष्ठी तिथि और पूजा के बारे में।

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    स्कंद षष्ठी 2021 तिथि

    हिन्दी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का प्रारंभ 15 जुलाई दिन गुरुवार को प्रात: 07 बजकर 16 मिनट पर हुआ है। यह तिथि 16 जुलाई दिन शुक्रवार को प्रात: 06 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। ऐसे में स्कंद षष्ठी का व्रत 16 जुलाई को रखा जाएगा और अगले दिन पारण किया जाएगा।

    स्कंद षष्ठी पूजा

    15 जुलाई को प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद हाथ में जल लेकर स्कंद षष्ठी व्रत और भगवान कार्तिकेय की पूजा का संकल्प लें। फिर भगवान शिव और माता पार्वती के साथ भगवान स्कंद की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। उसके बाद भगवान कार्तिकेय की अक्षत्, धूप, दीप, फूल, गंध, फल आदि से विधिपूर्वक पूजा करें। फिर भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें। पूजा के अंत में आरती करें। भगवान स्कंद से अपनी संतान की खुशहाली और सुखद जीवन की प्रार्थना करें। फिर प्रसाद लोगों में वितरित करें।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'