Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरुवार की पूजा के समय जरूर करें विष्णु जी की ये आरती, खुलेंगे सफलता के रास्ते

    सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ज्योतिष भी कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करने की सलाह देते हैं। कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होने से कई तरह की समस्या आती है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Thu, 13 Feb 2025 07:00 AM (IST)
    Hero Image
    Guruwar ke upay: ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करने से सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही प्रभु की आरती करें। मान्यता है कि विष्णु जी की आरती करने से जीवन में सफलता के रास्ते खुलते हैं। साथ ही सभी बाधाएं दूर होती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन बातों का रखें ध्यान

    भगवान विष्णु की आरती करते एक ही स्थान पर खड़े होकर करना चाहिए। आरती उतारते समय भगवान विष्णु के चरणों में चार बार, दो बार नाभि पर, एक बार मुख पर और सात बार सभी अंगों पर घुमाना चाहिए। मान्यता है कि सच्चे मन से आरती करने से पूजा सफल होती है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

    श्री विष्णु आरती

    ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे

    ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

    भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का।

    स्वामी दुःख विनसे मन का।

    सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी।

    स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।

    तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    यह भी पढ़ें: Guruwar Ke Upay: गुरुवार को पूजा के समय करें ये सरल उपाय, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

    स्वामी तुम अन्तर्यामी।

    पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।

    स्वामी तुम पालन-कर्ता।

    मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

    स्वामी सबके प्राणपति।

    किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

    स्वामी तुम ठाकुर मेरे।

    अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा।

    स्वामी पाप हरो देवा।

    श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, संतन की सेवा॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे।

    स्वामी जो कोई नर गावे।

    कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

    ॐ जय जगदीश हरे...

    यह भी पढ़ें: Guruwar Puja: गुरुवार के दिन करें इन मंत्रों का जप, जाग उठेगा सोया हुआ भाग्य

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।