Gupt Navratri की अष्टमी पर करें माता रानी की आरती, कृपा बनाएं रखेंगी देवी मां
गुप्त नवरात्रि का समय मां दुर्गा की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान मां दुर्गा की उपासना करने से सुख शांति और समृद्धि मिलती है। ऐसे में आप गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि पर इस तरह माता रानी को प्रसन्न कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू हो चुकी है, जो 4 जुलाई तक चलने वाली है। ऐसे में 3 जुलाई को गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि मनाई जाएगी। यह अवधि तंत्र साधना करने वालों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान आप भी मां दुर्गा की आरती व मंत्रों का जप कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 2 जुलाई को सुबह 11 बजकर 58 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 3 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि का व्रत गुरुवार 3 जुलाई को किया जाएगा।
दुर्गा जी की आरती
ॐ जय अम्बे गौरी…
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥
ॐ जय अम्बे गौरी॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
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माता दुर्गा के मंत्र (Mantras of maa Durga)
1. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
3. या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
4. या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
5. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
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