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    Dussehra Puja 2023: विजयदशमी के दिन भगवान राम ने की थी इस देवी की आराधना, जानिए पूजा विधि

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Fri, 20 Oct 2023 01:47 PM (IST)

    Dussehra 2023 Date शारदीय नवरात्रि की 9 दिन बाद दशमी तिथि पर दशहरे का पर्व मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर यदि आप इस देवी की पूजा करते हैं तो आपको भी अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है। आइए जानते हैं दशहरे के दिन देवी पूजन का महत्व और पूजा विधि।

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    Dussehra Aparajita Puja विजयदशमी के दिन करें इस देवी की पूजा।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Vijayadashami 2023: प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत स्थापित की थी। इस साल विजयदशमी का त्योहार 24 अक्टूबर, मंगवार के दिन मनाया जाएगा। क्या आप जानते हैं कि रणभूमि में जाने से पहले भगवान राम में किस देवी की पूजा की थी।

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    भगवान राम में इसलिए की थी पूजा

    विजयादशमी के दिन देवी अपराजिता की पूजा का विधान है। अपराजिता पूजा करने का सबसे अच्छा समय अपराहण (अपराह्न) का समय माना गया है। पौराणिक मान्याओं के अनुसार विजयादशमी के दिन भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्ति के लिए लंका प्रस्थान से पहले देवी अपराजिता की पूजा की थी। तभी से विजय प्राप्ति के लिए देवी अपराजिता की पूजा की जाती है। साथ ही किसी महत्वपूर्ण यात्रा पर जाने से भी मां अपराजिता की पूजा की जाती है।

    पूजा का शुभ मुहूर्त (Aparajita Puja Subh Muhurat)

    दशहरे के दिन विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक रहेगा जिसका समापन दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर होगा। साथ ही इस दिन अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस शुभ मुहूर्त में देवी अपराजिता की पूजा की जा सकती है।

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    इस विधि से करें देवी पूजन (Aparajita Puja Vidhi)

    दशहरा वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद विजय मुहूर्त में देवी अपराजिता की विधि-विधान से श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करें। पूजा के दौरान माता को धूप, दीप, नैवेद्य, अक्षत आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान ओम अपराजितायै नम: मंत्र 108 बार का जाप करें। अंत में घी का दीपक जलाकर देवी अपराजिता की आरती करें।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'