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Durga Saptashati Path: नवरात्रि में करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानें मां दुर्गा के प्रभावी मंत्र

Durga Saptashati Path नवरात्रि के अलावा दुर्गासप्तशती का पाठ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी और अष्टमी तिथि को किया जाता है। दुर्गासप्तशती का पाठ करते समय अथ देव्या कवचम् अर्गलास्तोत्रम् और कीलकस्तोत्रम् का पाठ करना उत्तम होता है ।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 01:40 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 09:32 AM (IST)
Durga Saptashati Path: नवरात्रि में करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, जानें मां दुर्गा के प्रभावी मंत्र
शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 17 अक्टूबर दिन शनिवार से हो रहा है।

Durga Saptashati Path: शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आज 17 अक्टूबर दिन शनिवार से हो रहा है। 9 दिनों तक चलने वाले दुर्गा पूजा में देवी के नौ स्वरुपों की विधि विधान से आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले ही दिन कलश स्थापना के साथ व्रत और पूजा का आयोजन प्रारंभ हो जाता है। मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए भक्त दुर्गा चालीसा का पाठ, बीज मंत्र का जाप आदि करने लगते हैं। नवरात्रि के समय में श्रीदुर्गासप्तशती का भी पाठ किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के समय में श्रीदुर्गासप्तशती का पाठ करने तथा उसके मंत्रों के जाप से व्यक्ति को सुख, शांति और शक्ति की अनुभूति होती है। आइए जानते हैं कि दुर्गासप्तशती के प्रमुख मंत्र कौन कौन से हैं और उनको जपने का उद्देश्य क्या होता है।

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नवरात्रि के अलावा दुर्गासप्तशती का पाठ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी और अष्टमी तिथि को किया जाता है। दुर्गासप्तशती का पाठ करते समय अथ देव्या: कवचम्, अर्गलास्तोत्रम् और कीलकस्तोत्रम् का पाठ करना उत्तम होता है। दुर्गासप्तशती में इन तीनों की महत्ता के बारे में बताया गया है। इन दिनों के पाठ से व्यक्ति के अभिष्ठ की सिद्धी हो सकती है।

इसके अलावा दुर्गासप्तशती के अंत में सिद्ध सम्पुट मंत्र भी दिए गए हैं, जिनका जाप करने से आपके उद्देश्य की पूर्ति हो सकती है। कौन सा मंत्र किस सिद्धी के लिए है, उसके बारे में भी बताया गया है। दुर्गा पूजा के समय नौ देवियों के बीज मंत्रों का जाप भी कल्याणकारी होता है।

1. किसी असाध्य रोग से मुक्ति के लिए मंत्र

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा

रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां

त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

2. शुभता की प्राप्ति एवं विपत्ति नाश के लिए मंत्र

करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी

शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।

3. सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मंत्र

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

4. कल्याण प्राप्ति के लिए मंत्र

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।

5. शक्ति प्राप्त करने के लिए मंत्र

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।

गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।

ध्यान रखने वाली बात यह है ​कि मां दुर्गा के मंत्रों का जाप लाल चंदन की माला से करना उत्तम माना जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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