Move to Jagran APP

Chitragupta Puja 2019: भाई दूज को होती है चित्रगुप्त महाराज की आराधना, जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Chitragupta Puja 2019 भाई दूज के दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा करने का विधान है। यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की ​द्वितीया तिथि को हर वर्ष होता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 10:16 AM (IST)
Chitragupta Puja 2019: भाई दूज को होती है चित्रगुप्त महाराज की आराधना, जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Chitragupta Puja 2019: भाई दूज को होती है चित्रगुप्त महाराज की आराधना, जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Chitragupta Puja 2019: भाई दूज के दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा करने का विधान है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की ​द्वितीया तिथि यम द्वितीया के नाम से भी प्रसिद्ध है, हर वर्ष इस दिन चित्रगुप्त पूजा की जाती है। इस दिन भाई दूज का त्योहार भी मनाया जाता है। चित्रगुप्त महाराज देवताओं के लेखपाल यानी मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा करने वाले हैं। इस दिन नई लेखनी या कलम को चित्रगुप्त महाराज का प्रतिरूप मानकर पूजा की जाती है। व्यापारी वर्ग के लिए यह नववर्ष का प्रारंभ माना जाता है।

loksabha election banner

कौन हैं चित्रगुप्त महाराज

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा जी ने चित्रगुप्त महाराज को उत्पन्न किया था। ब्रह्मा जी की काया से उनका उद्भव होने के कारण उनको कायस्थ भी कहते हैं। चित्रगुप्त जी का विवाह सूर्य की पुत्री यमी से हुआ था, इसलिए वह यमराज के बहनोई हैं। यमराज और यमी सूर्य की जुड़वा संतान हैं। यमी बाद में यमुना हो गईं और धरती पर चली गईं।

चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त 

आज सुबह 11 बजकर 42 मिनट से अभिजीत मुहूर्त है, जो दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है। आप अभिजीत मुहूर्त में चित्रगुप्त पूजा करें। इसके अलावा आप अमृत काल में भी पूजा कर सकते हैं, जो 03 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। 

चित्रगुप्त पूजा विधि

भाई दूज के दिन स्नानादि के बाद पूर्व दिशा में बैठकर एक चौक बनाएं। वहां पर चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर स्थापित कर दें। इसके पश्चात विधिपूर्वक पुष्प, अक्षत्, धूप, मिठाई, फल आदि अर्पित करें। एक नई लेखनी या कलम उनको अवश्य अर्पित करें। कलम-दवात की भी पूजा कर लें।

फिर एक कोरे सफेद कागज पर श्री गणेशाय नम: और 11 बार ओम चित्रगुप्ताय नमः लिखें। इसके बाद चित्रगुप्त महाराज से अपने और परिवार के लिए बुद्धि, विद्या और लेखन का अशीर्वाद प्राप्त करें।

चित्रगुप्त प्रार्थना मंत्र: 

मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्।

लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।। 

ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। पूजा के समय चित्रगुप्त प्रार्थना मंत्र भी जरूर पढ़ लें।

चित्रगुप्त पूजा के दिन बहन के हाथों भोजन ग्रहण करने का भी विशेष महत्व है। ऐसा करने से भाई दीर्घायु होते हैं और उनके जीवन की समस्याओं का अंत होता है। इस दिन यमुना स्नान और पूजन का भी महत्व है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.