Chhati Maiya Aarti: आज छठ पूजा करते समय जरूर पढ़ें छठी मईया की आरती
Chhati Maiya Aarti आज छठ पूजा है। आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। हालांकि छठ पूजा का पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। इस दिन नहाय-खाय किया जाता है।
Chhati Maiya Aarti: आज छठ पूजा है। आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। हालांकि, छठ पूजा का पहला दिन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। इस दिन नहाय-खाय किया जाता है। इस दिन स्नान होता है। इस वर्ष नहाय-खाय बुधवार, 18 नवंबर को था। छठ की पूजा करते समय छठ मईया की आरती करना बेहद ही आवश्यक होता है। यह उतना ही आवश्यक माना जाता है जितना छठ व्रत। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कोई भी पूजा आरती के बगैर पूरी नहीं होती है। साथ ही सफल भी नहीं मानी जाती है। जैसा कि कहा जाता है छठ पूजा को सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है। ऐसे में इस व्रत को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए आरती करना और भी जरूरी हो जाता है। तो आइए जानते हैं छठी मईया की आरती।
छठी मईया की आरती:
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥जय॥
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए॥जय॥
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय॥जय॥