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    Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के दौरान करें इन शक्तिशाली मंत्रों का जप, खुशियों से भर जाएगा जीवन

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 04:16 PM (IST)

    शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व की महिमा सनातन शास्त्रों में विस्तार पूर्वक दिया गया है। देवी मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है।

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    Shardiya Navratri 2025: देवी मां दुर्गा को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। यह पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि मनाया जाता है। इस दौरान प्रथम दिवस से लेकर नवमी तक जगत की देवी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक के जीवन में सुखों का आगमन होता है।

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    सनातन शास्त्रों में निहित है कि मां जगदंबा महज पूजा और भक्ति से प्रसन्न हो जाती हैं। इसके लिए विशेष प्रयोजन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसके लिए साधक जथा शक्ति तथा भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा करते हैं।

    अगर आप भी देवी मां दुर्गा को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाना चाहते हैं, तो शारदीय नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक पूजा के समय इन मंत्रों का जप अवश्य करें। इन मंत्रों के जप से देवी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

    जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की कृपा भक्तों पर बरसती है। मां दुर्गा की कृपा से भक्त का जीवन धन्य हो जाता है। साधक को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही मृत्यु के बाद उच्च लोक में स्थान मिलता है।

    शारदीय नवरात्र के दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तजन की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए, मंत्र जानते हैं-

    करें इन मंत्रों का जप

    सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

    शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

    यह मंत्र 'दुर्गा सप्तशती' में वर्णित है। इस श्लोक या मंत्र का आशय इस प्रकार है। हे, नारायणी, आप चराचर की निर्माता और विधाता हैं, आप देवों के देव महादेव की अर्धांगिनी हैं और आप शुभता की प्रतीक मानी जाती हैं। आप सभी इच्छाओं को पूर्ण और सिद्ध करने वाली देवी हैं। आप सबको शरण देती हैं। आपका वर्ण गौर हैं। आप नारायणी हैं। आपको नमस्कार और बारंबार नमस्कार है।

    या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

    हे देवी मां! आप सभी प्राणियों में शक्ति रूप में अवस्थित हैं। आपकी शक्ति से सृष्टि गतिमान है। आपको नमस्कार, नमस्कार और बारंबार नमस्कार है।

    अध्यात्ममधिदैवञ्च देवानां सम्यगीश्वरी।

    प्रत्यागस्ते वदन्ति वा सा माँ पातु सरस्वती॥

    आप देवताओं की शक्ति हैं आप अधिदेव हैं। आप सभी देवताओं को अंतर्यामी प्रेरण प्रदान करती हैं। हे देवी सरस्वती मां! हमारा भी पालन और कल्याण करें।

    मंत्र जप के लाभ

    शारदीय नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा की पूजा और मंत्र जप करने से न केवल जीवन में सुख और शांति आती है, बल्कि भक्तजनों पर देवी मां दुर्गा की कृपा भी बरसती है। इसके साथ ही आत्मिक शक्ति का संचार होता है। मां की कृपा से साधक को मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। इसके लिए शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक पूजा और आरती के समय इन मंत्रों का जप करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।