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    Hanuman Mantra: आज पूजा के समय करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप और आरती, सभी संकटों से मिलेगी निजात

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 31 Oct 2023 07:00 AM (IST)

    ज्योतिष की मानें तो मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। अतः साधक मंगलवार के दिन श्रद्धा-भाव से हनुमान जी की पूजा करते हैं। अगर आप भी हनुमान जी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो आज पूजा के समय इन मंत्रों का जाप और आरती जरूर करें।

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    Hanuman Mantra: आज पूजा के समय करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप और आरती, सभी संकटों से मिलेगी निजात

    नई दिल्ली, धर्म डेस्क | Hanuman Mantra: मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अनन्य और परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद प्राप्ति हेतु व्रत रखा जाता है। ज्योतिष की मानें तो मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। अतः साधक मंगलवार के दिन श्रद्धा-भाव से हनुमान जी की पूजा करते हैं। अगर आप भी हनुमान जी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो आज पूजा के समय इन मंत्रों का जाप और आरती जरूर करें।

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    हनुमान जी के मंत्र

    1.

    ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

    प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

    2.

    ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय

    सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

    3.

    ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय

    सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

    4.

    मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |

    यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||

    5.

    वायुपुत्र ! नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम् |

    पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् ||

    आरती

    आरती कीजै हनुमान लला की ।

    दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

    जाके बल से गिरवर काँपे ।

    रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥

    अंजनि पुत्र महा बलदाई ।

    संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    दे वीरा रघुनाथ पठाए ।

    लंका जारि सिया सुधि लाये ॥

    लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।

    जात पवनसुत बार न लाई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    लंका जारि असुर संहारे ।

    सियाराम जी के काज सँवारे ॥

    लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।

    लाये संजिवन प्राण उबारे ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    पैठि पताल तोरि जमकारे ।

    अहिरावण की भुजा उखारे ॥

    बाईं भुजा असुर दल मारे ।

    दाहिने भुजा संतजन तारे ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।

    जय जय जय हनुमान उचारें ॥

    कंचन थार कपूर लौ छाई ।

    आरती करत अंजना माई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ॥

    जो हनुमानजी की आरती गावे ।

    बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥

    लंक विध्वंस किये रघुराई ।

    तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

    आरती कीजै हनुमान लला की ।

    दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।