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Durga Saptashati Mantra: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इन प्रभावी मंत्रों का करें जप, होगी आदिशक्ति की कृपा

Durga Saptashati Mantra नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। दुर्गा सप्तशती में हर उद्देश्य की पूर्ति के लिए विशेष और प्रभावी मंत्र दिए गए हैं। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इन प्रभावी मंत्रों का जाप करके आप अपनी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 10:13 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 10:13 AM (IST)
Durga Saptashati Mantra: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इन प्रभावी मंत्रों का करें जप, होगी आदिशक्ति की कृपा
Durga Saptashati Mantra: नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इन प्रभावी मंत्रों का करें जप, होगी आदिशक्ति की कृपा

Durga Saptashati Mantra: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 13 अप्रैल दिन मंगलवार से शुरु हो चुका है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की विधि विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। दुर्गा सप्तशती में हर उद्देश्य की पूर्ति के लिए विशेष और प्रभावी मंत्र दिए गए हैं। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इन प्रभावी मंत्रों का जाप करके आप अपनी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको दुर्गा सप्तशती के प्रभावी मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, इसमें कल्याण के लिए मंत्र, आरोग्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मंत्र, रक्षा के लिए मंत्र, रोग नाश के लिए मंत्र, विपत्ति नाश और शुभता के लिए मंत्र और शक्ति प्राप्ति के लिए मंत्र दिया गया है।

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1. कल्याण के लिए मंत्र

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।

2. आरोग्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मंत्र

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

3. रक्षा के लिए मंत्र

शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।

घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।

4. रोग नाश के लिए मंत्र

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

5. विपत्ति नाश और शुभता के लिए मंत्र

करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी

शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।

6. शक्ति प्राप्ति के लिए मंत्र

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।

गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।

दुर्गा सप्तशती के इन मंत्रों का जाप करते समय आपको तन, मन और वचन से शुद्ध होना चाहिए। साथ ही जब भी मंत्र का जप करें तो उसका सही उच्चारण करें। जल्दीबाजी में मंत्रों का जाप न करें। मंत्र का गलत और अशुद्ध जाप करने से आपको लाभ नहीं मिलेगा। इससे आपको नुकसान हो सकता है। मंत्रों का जाप करना हो तो किसी पंडित या ज्योतिषी से सलाह जरूर ले लें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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