Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chaitra Navratri 2025 Day 8: महागौरी की पूजा में जरूर करें इन मंत्रों का जप, नहीं सताएगी कोई बाधा

    Updated: Fri, 04 Apr 2025 10:00 PM (IST)

    नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) की पावन अवधि चल रही है। 05 अप्रैल को अष्टमी का व्रत किया जाएगा। नवरात्र की अष्टमी तिथि देवी महागौरी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। माना जाता है कि देवी महागौरी की आराधना से साधक को रोग व व्याधि से मुक्त मिलती है। ऐसे में अष्टमी पूजा के दौरान मां महागौरी के मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए।

    Hero Image
    Chaitra Navratri 2025 Day 8 Mantras of Mahagauri

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्र उत्सव की अष्टमी तिथि पूर्ण रूप से आदिशक्ति के अष्टम स्वरूप यानी देवी महागौरी को समर्पित होती है। देवी के इस स्वरूप की बात करें, तो इनका वर्ण स्वेत है, जिस कारण इन्हें देवी महागौरी के नाम से जाना जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देवी का वाहन बैल है और इन्होंने अपने एक दाहिने हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं और दूसरे दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है। वहीं एक बाएं हाथ में डमरू हैं और दूसरा बायां हाथ वर मुद्रा में है। 

    1. मां महागौरी के मंत्र -

    ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

    2. स्तुति मंत्र - या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

    3. प्रार्थना मंत्र -

    श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

    महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

    माना जाता है कि देवी महागौरी की साधना करने से साधक को ग्रह दोष से मिल सकी है। नवरात्र की अष्टमी तिथि देवी महागौरी की कृपा प्राप्ति के लिए काफी उत्तम मानी गई है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    4. ध्यान मंत्र -

    वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

    सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥

    पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।

    वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥

    पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।

    मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥

    प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।

    कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥

    यह भी पढ़ें - Chaitra Navratri Hawan Muhurat 2025: अष्टमी या नवमी कब हवन करना होगा शुभ? जानें नियम, मुहूर्त और महत्व

    5. स्तोत्र मंत्र -

    सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।

    ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

    सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्।

    डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

    त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।

    वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

    देवी महागौरी माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं, जिसकी पूजा मुख्य रूप से नवरात्र के आठवें दिन की  जाती है। इसी के साथ यह भी माना जाता है कि विधिवत रूप से मां महागौरी की पूजा-अर्चना करने से साधक को राहु ग्रह के दुष्प्रभाव से राहत मिल सकती है। 

    कवच मंत्र -

    ॐ कारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजम् मां, हृदयो।

    क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥

    ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी मां नेत्रम् घ्राणो।

    कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा माँ सर्ववदनो॥

    यह भी पढ़ें - Chaitra Navratri 2025: बहुत दिव्य है मां काली को समर्पित यह शक्तिपीठ, नवरात्र में लगती है लंबी कतार

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।