Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri Day 3: मां चंद्रघंटा की पूजा में करें इस चालीसा का पाठ, जीवन का हर कष्ट होगा दूर

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 11:00 PM (IST)

    30 मार्च से चैत्र नवरात्र की पावन अवधि शुरू हो चुकी है। नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में अगर आप नवरात्र के तीसरे दिन की पूजा के दौरान देवी चंद्रघंटा की चालीसा का पाठ करते हैं तो इससे आपको विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती है।

    Hero Image
    Chaitra Navratri Day 3 (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यताओं के अनुसारनवरात्र की अवधि में नवदुर्गाओं की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना से साधक को जगत जननी मां दुर्गा की असीम कृपा की प्राप्ति हो सकती है। नवरात्र के तीसरे मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि देवी चंद्रघंटा सुख-समृद्धि के साथ-साथ बौद्धिक क्षमता का विकास और आत्मविश्वास बढ़ाने वाली हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मां चंद्रघंटा चालीसा

    दोहा

    या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः।।

    चौपाई

    नमो नमो दुर्गे सुख करनी।

    नमो नमो अंबे दुःख हरनी।।

    निराकार है ज्योति तुम्हारी।

    तिहूं लोक फैली उजियारी।।

    शशि ललाट मुख महा विशाला।

    नेत्र लाल भृकुटी विकराला।।

    रूप मातुको अधिक सुहावे।

    दरश करत जन अति सुख पावे।।

    तुम संसार शक्ति मय कीना।

    पालन हेतु अन्न धन दीना।।

    अन्नपूरना हुई जग पाला।

    तुम ही आदि सुंदरी बाला।।

    प्रलयकाल सब नासन हारी।

    तुम गौरी शिव शंकर प्यारी।।

    शिव योगी तुम्हरे गुण गावैं।

    ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावै।।

    रूप सरस्वती को तुम धारा।

    दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा।।

    धरा रूप नरसिंह को अम्बा।

    परगट भई फाड़कर खम्बा।।

    रक्षा करि प्रहलाद बचायो।

    हिरणाकुश को स्वर्ग पठायो।।

    लक्ष्मी रूप धरो जग माही।

    श्री नारायण अंग समाहीं।।

    क्षीरसिंधु मे करत विलासा।

    दयासिंधु दीजै मन आसा।।

    हिंगलाज मे तुम्हीं भवानी।

    महिमा अमित न जात बखानी।।

    मातंगी धूमावति माता।

    भुवनेश्वरी बगला सुख दाता।।

    श्री भैरव तारा जग तारिणी।

    क्षिन्न भाल भव दुःख निवारिणी।।

    केहरि वाहन सोहे भवानी।

    लांगुर वीर चलत अगवानी।।

    कर मे खप्पर खड्ग विराजै।

    जाको देख काल डर भाजै।।

    सोहे अस्त्र और त्रिशूला।

    जाते उठत शत्रु हिय शूला।।

    नगर कोटि मे तुमही विराजत।

    तिहुं लोक में डंका बाजत।।

    शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।

    रक्तबीज शंखन संहारे।।

    महिषासुर नृप अति अभिमानी।

    जेहि अधिभार मही अकुलानी।।

    रूप कराल काली को धारा।

    सेन सहित तुम तिहि संहारा।।

    परी गाढ़ संतन पर जब-जब।

    भई सहाय मात तुम तब-तब।।

    नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आदिशक्ति के इस स्वरूप की उपासना करने से साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

    यह भी पढ़ें - Ram Navami 2025: रामनवमी कब है? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    अमरपुरी औरों सब लोका।

    जब महिमा सब रहे अशोका।।

    ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।

    तुम्हे सदा पूजें नर नारी।।

    प्रेम भक्त से जो जस गावैं।

    दुःख दारिद्र निकट नहिं आवै।।

    ध्यावें जो नर मन लाई।

    जन्म मरण ताको छुटि जाई।।

    जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।

    योग नहीं बिन शक्ति तुम्हारी।।

    शंकर आचारज तप कीन्हों।

    काम क्रोध जीति सब लीनों।।

    निसदिन ध्यान धरो शंकर को।

    काहु काल नहिं सुमिरो तुमको।।

    शक्ति रूप को मरम न पायो।

    शक्ति गई तब मन पछितायो।।

    शरणागत हुई कीर्ति बखानी।

    जय जय जय जगदम्ब भवानी।।

    भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।

    दई शक्ति नहि कीन्ह विलंबा।।

    मोको मातु कष्ट अति घेरों।

    तुम बिन कौन हरे दुःख मेरो।।

    आशा तृष्णा निपट सतावै।

    रिपु मूरख मोहि अति डरपावै।।

    शत्रु नाश कीजै महारानी।

    सुमिरौं एकचित तुम्हें भवानी।।

    करो कृपा हे मातु दयाला।

    ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला।।

    जब लगि जियौं दया फल पाऊं।

    तुम्हरौ जस मै सदा सुनाऊं।।

    दुर्गा चालीसा जो गावै।

    सब सुख भोग परम पद पावै।।

    देवीदास शरण निज जानी।

    करहु कृपा जगदम्ब भवानी।।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    दोहा

    शरणागत रक्षा कर, भक्त रहे निःशंक।

    मैं आया तेरी शरण में, मातु लीजिए अंक।।

    यह भी पढ़ें - Chaitra Navratri 2025: मां चंद्रघंटा की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।