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    Budhwar Vrat: कब से शुरू कर सकते हैं बुधवार का व्रत, जानिए इससे जुड़े जरूरी नियम

    Updated: Wed, 20 Mar 2024 07:30 AM (IST)

    हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता को की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। इसी प्रकार बुधवार का दिन भगवान गणेश जी की आराधना के लिए समर्पित है। हिंदू धर्म में गणपति जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वह अपनों भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं। माना जाता है कि बुधवार का व्रत करने से सभी कष्ट दूर हो सकते हैं।

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    Budhwar Vrat जानिए बुधवार व्रत से जुड़े जरूरी नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Budhwar Vrat vidhi: सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी को जरूर याद किया जाता है, ताकि वह कार्य बिना किसी रुकावट के सम्पन्न हो सके। गणेश जी को समर्पित बुधवार के दिन कई साधक व्रत आदि भी करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं बुधवार व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

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    कब से शुरू करें व्रत (Ganesh ji Budhwar vrat)

    किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के बुधवार से गणेश जी के निमित्त व्रत शुरू करना बेहतर माना जाता है। व्रत शुरू करने के बाद आप 7, 11, या फिर 21 बुधवार व्रत का संकल्प लें सकते हैं। वहीं, व्रत का उद्यापन करना भी जरूरी माना गया है। तभी आपको इस व्रत का पूर्ण लाभ मिल सकता है।

    पूजा विधि  (Budhwar Puja vidhi)

    • बुधवार के दिन सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।
    • घर में ईशान कोण में गंगाजल का छिड़काव कर पूजा की चौकी स्थापित करें।
    • पूजा के दौरान गणेश जी का पंचामृत से अभिषेक करें और बुध देव का स्मरण करें।
    • चौकी पर हरा रंग का कपड़ा बिछाकर गणपति की मूर्ति स्थापित करें।
    • गणेश जी को कुमकुम, हल्दी, चंदन, अबीर, गुलाल, फूल और सिंदूर अर्पित करें।
    • पूजा में गणेश जी को 11 दूर्वा की जरूर अर्पित करें।
    • भोग के रूप में मोदक या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
    • बुधवार व्रत की कथा करें और गणेश जी की आरती करें।
    • शाम को गणपति जी की पूजा कर सात्विक भोजन ग्रहण करें।

    इन नियमों का रखें ध्यान

    बुधवार व्रत में भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन बेटियों का अपमान न करने से आपको गणपति जी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। बुधवार व्रत में एक समय खाना चाहिए। व्रत में आप दही, हरी मूंग दाल का हलवा आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही दूध, फल आदि का सेवन भी किया जा सकता है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'