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    Saraswati Vandana: पूजा के समय जरूर करें सरस्वती वंदना, जल्द प्रसन्न होंगी मां शारदा

    By Kartikey TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 15 Feb 2021 08:49 AM (IST)

    Basant Panchmi 2021 वसंत पंचमी का पावन पर्व इस वर्ष 16 फरवरी दिन मंगलवार को है। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको संस्कृत में लिखित सरस्वती वंदना के बारे में बता रहे हैं जिसे आप पूजा के समय उच्चारित कर सकते हैं।

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    Basant Panchmi 2021: पूजा के समय जरूर करें सरस्वती वंदना, जल्द प्रसन्न होंगी मां शारदा

    Basant Panchmi 2021: वसंत पंचमी का पावन पर्व इस वर्ष 16 फरवरी दिन मंगलवार को है। इस दिन ज्ञान, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। वसंत पंचमी का पर्व इस वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है कि इस दिन वीणा वादिनी मां शारदा प्रकट हुई थीं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन पूजा से मां सरस्वती जल्द प्रसन्न हो जाती हैं। वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के दिन उन बच्चों को अक्षर ज्ञान कराया जाता है, जो अब शिक्षा लेने के योग्य हो गए होते हैं। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको संस्कृत में लिखित सरस्वती वंदना के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप पूजा के समय उच्चारित कर सकते हैं।

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    सरस्वती वंदना

    या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,

    या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।

    या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,

    सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥

    शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,

    वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌।

    हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌,

    वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥

    सरस्वती वंदना का अर्थ

    विद्या की देवी मां भगवती कुन्द के पुष्प, चंद्रमा और मोतियों की हार की तरह धवल वर्ण वाली हैं और श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। उनके हाथ में वीणा सुशोभित है, वह श्वेत कमल पुष्प पर आसन ग्रहण की हुई हैं। ब्रह्मा, विष्णु और शंकर आदि देवता गण जिनकी हमेशा पूजा करते हैं, सभी प्रकार की अज्ञानता और जड़ता को दूर करने वाली देवी सरस्वती हम सब की रक्षा करें। शुक्लवर्ण वाली, परब्रह्म के विचार और चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, संपूर्ण संसार में व्याप्त, अपने हाथों में वीणा और पुस्तक धारण करने वाली, अभय प्रदान करने वाली, अंधकार दूर करने वाली, एक हाथ में स्फटिक की माला धारण करने वाली, कमल आसन पर विराजमान‌, सभी ऐश्वर्य से युक्त, बुद्धि देने वाली मां भगवती शारदा की हम वंदना करते हैं।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '