Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Basant Panchami 2025: देवी सरस्वती को करना चाहते हैं प्रसन्न, तो वसंत पंचमी पर इस तरह करें वंदना

    वसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) के दिन लोग सरस्वती जी के प्रिय रंग यानी पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और श्रद्धाभाव से परिवार के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन को मां सरस्वती का अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती जी के प्रसन्न होने पर साधक को ज्ञान और कला का आशीर्वाद मिलता है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 29 Jan 2025 10:42 AM (IST)
    Hero Image
    Basant Panchami 2025 वसंत पंचमी पर करें श्री सरस्वती स्तोत्रम् का पाठ (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप ज्ञान और कला की देवी, मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में इस दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती की कृपा प्राप्ति के लिए आपको श्री सरस्वती स्तोत्रम् का पाठ जरूर करना चाहिए। सरस्वती वंदना भी इसी स्तोत्र का एक हिस्सा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वसंत पंचमी का पूजा मुहूर्त (Basant Panchami Shubh Muhurat)

    इस साल शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, ये तिथि 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए वसंत पंचमी का पर्व रविवार, 02 फरवरी को ही मनाया जाएगा। इस दौरान आप इस शुभ मुहूर्त में सरस्वती जी की पूजा-अर्चना कर सकते हैं -

    बसंत पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक

    बसंत पंचमी मध्याह्न का क्षण - दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर

    ॥ श्री सरस्वती स्तोत्रम् ॥

    या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता

    या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।

    या ब्रह्माच्युत-शङ्कर-प्रभृतिभिर्देवैःसदा पूजिता

    सा मां पातु सरस्वती भगवतीनिःशेषजाड्यापहा॥1॥

    दोर्भिर्युक्ता चतुर्भिःस्फटिकमणिमयीमक्षमालां दधाना

    हस्तेनैकेन पद्मं सितमपिच शुकं पुस्तकं चापरेण।

    भासा कुन्देन्दु-शंखस्फटिकमणिनिभाभासमानाऽसमाना

    सा मे वाग्देवतेयं निवसतुवदने सर्वदा सुप्रसन्ना॥2॥

    आशासु राशी भवदंगवल्लि भासैवदासीकृत-दुग्धसिन्धुम्।

    मन्दस्मितैर्निन्दित-शारदेन्दुंवन्देऽरविन्दासन-सुन्दरि त्वाम्॥3॥

    शारदा शारदाम्बोजवदना वदनाम्बुजे।

    सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्॥4॥

    सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृ-देवताम्।

    देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जनाः॥5॥

    पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्नः सरस्वती।

    प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या॥6॥

    शुद्धां ब्रह्मविचारसारपरमा-माद्यां जगद्व्यापिनीं

    वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।

    हस्ते स्पाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां

    वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥7॥

    यह स्तोत्र मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए एक काफी प्रचलित कृति है। ऐसे में वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए इस स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए, जिससे साधक को शिक्षा के क्षेत्र में भी लाभ देखने को मिल सकता है।

    वीणाधरे विपुलमंगलदानशीले

    भक्तार्तिनाशिनि विरिंचिहरीशवन्द्ये।

    कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे

    विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम्॥8॥

    श्वेताब्जपूर्ण-विमलासन-संस्थिते हे

    श्वेताम्बरावृतमनोहरमंजुगात्रे।

    उद्यन्मनोज्ञ-सितपंकजमंजुलास्ये

    विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम्॥9॥

    मातस्त्वदीय-पदपंकज-भक्तियुक्ता

    ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय।

    ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण

    भूवह्नि-वायु-गगनाम्बु-विनिर्मितेन॥10॥

    मोहान्धकार-भरिते हृदये मदीये

    मातः सदैव कुरु वासमुदारभावे।

    स्वीयाखिलावयव-निर्मलसुप्रभाभिः

    शीघ्रं विनाशय मनोगतमन्धकारम्॥11॥

    ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेशः

    शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावैः।

    न स्यात्कृपा यदि तव प्रकटप्रभावे

    न स्युः कथंचिदपि ते निजकार्यदक्षाः॥12॥

    लक्ष्मिर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तृष्टिः प्रभा धृतिः।

    एताभिः पाहि तनुभिरष्टभिर्मां सरस्वती॥13॥

    (Picture Credit: Freepik)

    यह भी पढ़ें - Basant Panchami 2025: देवी सरस्वती की कृपा के लिए घर जरूर ले आएं ये चीजें, हर क्षेत्र में होंगे सफल

    सरसवत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः।

    वेद-वेदान्त-वेदांग-विद्यास्थानेभ्य एव च॥14॥

    सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

    विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तु ते॥15॥

    यदक्षर-पदभ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत्।

    तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि॥16॥

    ॥ इति श्रीसरस्वती स्तोत्रम् संपूर्णं ॥

    यह भी पढ़ें -  Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर करें सरस्वती चालीसा का पाठ, परीक्षा में मिलेगी सफलता

    वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को पीला रंग की मिठाई का भोग जरूर लगाएं। इसी के साथ आप पीले चावलों का भोग भी देवी को अर्पित कर सकते हैं। इसी के साथ पीले रंग के वस्त्र भी पूजा में जरूर अर्पित करने चाहिए, जिससे आपके ऊपर सरस्वती जी की कृपा बनी रहे।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।