Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर करें सरस्वती चालीसा का पाठ, परीक्षा में मिलेगी सफलता

    हर साल वसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत ऋतु के आगमन के रूप में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मां सरस्वती के उपासना करने का विधान है। इस दिन मां सरस्वती चालीसा का पाठ करने से सफलता के मार्ग खुलते हैं। साथ ही मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 27 Jan 2025 04:04 PM (IST)
    Hero Image
    Basant Panchami 2025: ऐसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, 02 फरवरी (Basant Panchami 2025) को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन ज्ञान, कला, विद्या की देवी मां शारदे की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि मां शारदे की उपासना करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। अगर आप मां सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो वसंत पंचमी के दिन सरस्वती चालीसा (Saraswati Chalisa Lyrics) का पाठ करें। इससे परीक्षा में सफलता मिलेगी और मनचाहा करियर मिलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मान्यता के अनुसार, मां सरस्वती के अवतरण से संपूर्ण श्रृष्टि में कला, संगीत, वाणी का संचार हुआ। इसी वजह से मां सरस्वती को वाग्देवी भी कहा जाता है।

    मां सरस्वती की चालीसा -

    जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि।बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

    पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु॥

    जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥

    जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥

    रूप चतुर्भुज धारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥

    जग में पाप बुद्धि जब होती।तब ही धर्म की फीकी ज्योति॥

    तब ही मातु का निज अवतारी।पाप हीन करती महतारी॥

    वाल्मीकिजी थे हत्यारा।तव प्रसाद जानै संसारा॥

    रामचरित जो रचे बनाई।आदि कवि की पदवी पाई॥

    कालिदास जो भये विख्याता।तेरी कृपा दृष्टि से माता॥

    तुलसी सूर आदि विद्वाना।भये और जो ज्ञानी नाना॥

    तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा।केव कृपा आपकी अम्बा॥

    यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर बन रहे हैं ये शुभ योग, जानें पूजा का सही समय और उपाय

    करहु कृपा सोइ मातु भवानी।दुखित दीन निज दासहि जानी॥

    पुत्र करहिं अपराध बहूता।तेहि न धरई चित माता॥

    राखु लाज जननि अब मेरी।विनय करउं भांति बहु तेरी॥

    मैं अनाथ तेरी अवलंबा।कृपा करउ जय जय जगदंबा॥

    मधुकैटभ जो अति बलवाना।बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना॥

    (Pic Credit-AI)

    समर हजार पाँच में घोरा।फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा॥

    मातु सहाय कीन्ह तेहि काला।बुद्धि विपरीत भई खलहाला॥

    तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥

    चंड मुण्ड जो थे विख्याता।क्षण महु संहारे उन माता॥

    रक्त बीज से समरथ पापी।सुरमुनि हदय धरा सब काँपी॥

    काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा।बारबार बिन वउं जगदंबा॥

    जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा।क्षण में बाँधे ताहि तू अम्बा॥

    भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई।रामचन्द्र बनवास कराई॥

    एहिविधि रावण वध तू कीन्हा।सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा॥

    को समरथ तव यश गुन गाना।निगम अनादि अनंत बखाना॥

    विष्णु रुद्र जस कहिन मारी।जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥

    रक्त दन्तिका और शताक्षी।नाम अपार है दानव भक्षी॥

    दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥

    दुर्ग आदि हरनी तू माता।कृपा करहु जब जब सुखदाता॥

    नृप कोपित को मारन चाहे।कानन में घेरे मृग नाहे॥

    सागर मध्य पोत के भंजे।अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥

    भूत प्रेत बाधा या दुःख में।हो दरिद्र अथवा संकट में॥

    नाम जपे मंगल सब होई।संशय इसमें करई न कोई॥

    पुत्रहीन जो आतुर भाई।सबै छांड़ि पूजें एहि भाई॥

    करै पाठ नित यह चालीसा।होय पुत्र सुन्दर गुण ईशा॥

    धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै।संकट रहित अवश्य हो जावै॥

    भक्ति मातु की करैं हमेशा।निकट न आवै ताहि कलेशा॥

    बंदी पाठ करें सत बारा।बंदी पाश दूर हो सारा॥

    रामसागर बाँधि हेतु भवानी।कीजै कृपा दास निज जानी॥

    ॥दोहा॥

    मातु सूर्य कान्ति तव, अन्धकार मम रूप।डूबन से रक्षा करहु परूँ न मैं भव कूप॥

    बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु।राम सागर अधम को आश्रय तू ही देदातु॥

    यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी पर करें इन मंत्रों का जप, खुल जाएंगे तरक्की के रास्ते

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।