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    Ambe Mata Ki Aarti: पूजा के दौरान जरूर गाएं 'अम्बे तू है जगदम्बे काली' आरती, मां हो जाती हैं प्रसन्न

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 23 Oct 2020 09:47 AM (IST)

    Ambe Mata Ki Aarti कहा जाता है कि कोई भी पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है। नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग ...और पढ़ें

    Ambe Mata Ki Aarti: पूजा के दौरान जरूर गाएं 'अम्बे तू है जगदम्बे काली' आरती, मां हो जाती हैं प्रसन्न
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    Ambe Mata Ki Aarti: कहा जाता है कि कोई भी पूजा बिना आरती के एकदम अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है। नवरात्रि के हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती हैं। मां के हर स्वरूप के मंत्र और उनकी आरती अलग-अलग होती हैं। कहते हैं कि पूजा पूरी होने के बाद आरती को जोर-जोर से गाकर पढ़ना चाहिए। पूजा करते समय सबसे पहले गणपति बप्पा की आरती गाते हैं। वहीं, फिर मां के जिस स्वरूप का दिन है उनकी आरती गाई जाती है। इसके अलावा जय मां अम्बे गौरी आरती गाई जाती है। इसके अलावा भी एक आरती है जिसे मां की पूजा के समय जरूर गाया जाना चाहिए। यह आरती है अम्बे तू है जगदम्बे काली। आरती गाने से मां प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनी रहती है। आरती को पूरी लय के साथ गाया जाना चाहिए। आइए पढ़ते हैं मां की अम्बे तू है जगदम्बे काली आरती।

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    अम्बे तू है जगदम्बे काली:

    अम्बे तू है जगदम्बे काली,

    जय दुर्गे खप्पर वाली,

    तेर ही गुण गायें भारती,

    ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ।

    तेर भक्त जानो पर मैया भीड़ पड़ी है भारी,

    दानव दल पर टूट पड़ो माँ कर के सिंह सवारी ।

    सो सो सिंघो से है बलशाली,

    है दस भुजाओं वाली,

    दुखिओं के दुखड़े निवारती ।

    माँ बेटे की है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,

    पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता ।

    सबपे करुना बरसाने वाली,

    अमृत बरसाने वाली,

    दुखिओं के दुखड़े निवारती ।

    नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना,

    हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना ।

    सब की बिगड़ी बनाने वाली,

    लाज बचाने वाली,सतिओं के सत को सवारती ।

    ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती । 

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '