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    Adhik Maas Amavasya 2023: मलमास अमावस्या पर भोलेनाथ को अर्पित करें ये चीजें, पितृदोष से मिलेगी मुक्ति

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Sat, 05 Aug 2023 10:20 AM (IST)

    Adhik Maas Amavasya 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार सावन अधिक मास की अमावस्या 15 अगस्त मंगलवार के दिन पड़ रही है। हिंदू धर्म में अमावस्या एक विशेष महत्व रखती है। इस दिन भोलेनाथ की विशेष विधि-विधान के साथ पूजा करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं कि अधिकमास की अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ को क्या अर्पित करना शुभ होता है।

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    Adhik Maas Amavasya 2023 मलमास अमावस्या पर भोलेनाथ को अर्पित करें ये चीजें।

    नई दिल्ली, अध्यात्म। Adhik Maas Amavasya 2023: जिस प्रकार से सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है, ठीक उसी प्रकार पुरुषोत्तम मास का यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। श्रावण मास के बीच 18 जुलाई से अधिक मास शुरू हो चुका है और इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।

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    अमावस्या तिथि का महत्व

    अमावस्या के दिन स्नान-दान और तर्पण इत्यादि कर्म करने से साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। वहीं, कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है। इस विशेष दिन पर पीपल के पेड़ की उपासना करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

    भोलेनाथ को चढ़ाएं ये फूल

    श्रावण अधिक मास की अमावस्या 15 अगस्त को पड़ रही है। भोले शंकर को पितृ प्रधान माना जाता है। ऐसे में इस दिन महादेव पर जलाभिषेक करें। उन्हें शमी के पत्ते और बेलपत्र अर्पित करें। ऐसा करने पर आपको जीवन में आ रहे कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दिन भगवान शिव पर कनेर का फूल चढ़ाने से व्यक्ति को कई प्रकार के शारीरिक कष्टों से भी छुटकारा मिलता है। इस दिन श्रद्धा भाव से पूरे विधि-विधान के साथ महादेव की पूजा करने से व्यक्ति को पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।

    पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

    पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी अमावस्या तिथि को विशेष लाभकारी बताया गया है। इस विशेष दिन पर सुबह उठकर नदी में स्नान कर पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से पितृ शांत होते हैं। साथ ही पितृ दोष दूर होता है। अमावस्या के दिन अगर शिवलिंग पर तिल चढ़ाते हैं तो पितरों के कारण जीवन में हो रही परेशानियां दूर होती हैं।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी