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    Adhik Maas Amavasya 2023: अधिक मास की अमावस्या कब? जानिए स्नान-दान का समय और महत्व

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Fri, 04 Aug 2023 12:36 PM (IST)

    Adhik Maas Amavasya 2023 हिन्दू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुरुषोत्तम मास में अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान और तर्पण इत्यादि कर्म करने से साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। आइए जानते हैं कब है अधिक मास की अमावस्या तिथि?

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    Adhik Maas Amavasya 2023: जानिए कब है श्रावण अधिक मास की अमावस्या तिथि?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Adhik Maas Amavasya 2023: हिन्दू धर्म में सभी तिथियों का विशेष महत्व है। इन सभी में अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि अधिक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि तीन साल के अंतराल के बाद आती है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर स्नान-दान, पूजा-पाठ और तर्पण इत्यादि कर्म करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। साथ ही इस वर्ष अधिक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि के दिन विशेष संयोग का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं, कब है अधिक मास अमावस्या तिथि, शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का समय?

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    अधिक मास अमावस्या 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

    हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का शुभारंभ 15 अगस्त दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 16 अगस्त दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा। बता दें कि अधिक अमावस्या 15 अगस्त 2023, मंगलवार के दिन पड़ रहा है। बता दें कि इस विशेष दिन पर सावन अधिक मास का पंचम मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे दर्शन अमावस्या के नाम से जाना जाएगा।

    अधिक मास अमावस्या 2023 उपाय

    • श्रावण अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। ऐसा करने के साथ वृक्ष की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।

    • साथ ही इस विशेष दिन पर पीपल के अतिरक्त बरगद, तुलसी, शमी इत्यादि की पूजा भी करें। पीपल के वृक्ष की उपासना को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इस वृक्ष में त्रिदेवों का वास होता है।

  • इस दिन भगवान शिव को काला तिल अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही श्रावन अमावस्या तिथि के दिन तुसली के पौधे के निकट भी दीपक प्रज्वलित करें।

  • अधिक मास अमावस्या महत्व

    शास्त्रों में अमावस्या तिथि के महत्व को विस्तार से बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। साथ ही कुंडली में उत्पन्न हो रहे ग्रहों के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिल जाता है। इस विशेष दिन पर पीपल के वृक्ष की उपासना करने से साधक को सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।