हनुमानजी ऐसे पूज्य देव हैं, जो कलियुग में भी साक्षात् रहते हैं
हनुमानजी भगवान शिव के अवतार हैं। वह शक्ति, भक्ति, और दृढ़ता का प्रतीक हैं।
हनुमानजी ऐसे पूज्य देव हैं, जो कलियुग में भी साक्षात् रहते हैं। वह ब्रह्मचारी और प्रभु श्रीराम के अमिट भक्त हैं। लेकिन पवनपुत्र के बारे में ऐसी कई बातें हैं जो वर्तमान में किसी रहस्य से कम नहीं। इन बातों की उल्लेख हिदू धार्मिक ग्रंथो और रामायण के तमाम संस्करणों में उल्लेख मिलता है। जैसे कि...
- हनुमानजी भगवान शिव के अवतार हैं। वह शक्ति, भक्ति, और दृढ़ता का प्रतीक हैं।
- हनुमानजी की मां पूर्वजन्म में अप्सरा थीं। जो एक शाप के कारण पृथ्वी पर जन्मीं और भगवान शिव के अवतार हनुमानजी की मां बनने का सौभाग्य मिला।
- हनुमानजी बचपन से ही भगवान श्रीराम को अपना आराध्य देव मानते थे। और जब वह श्रीराम से वह मिले तो प्रसन्नता के आंसुओं को रोक नहीं पाए।
- जब श्रीराम के अनुज लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए तब हनुमानजी अपने एक हाथ पर ही पूरा एक पर्वत ले आए थे। वह इसीलिए क्योंकि उस पर्वत पर संजीवनी बूटी थी। जिससे से लक्ष्मण जी को मूर्छित अवस्था से दूर किया जा सके।
- गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित हनुमान चालीसा का पाठ यदि मंगलवार और शनिवार को किया जाए तो बजरंगबली की कृपा उस भक्त पर हमेशा बनी रहती है। जब श्रीराम की मृत्यु हुई तब हनुमानजी ने यम (मृत्यु के देवता) पर जाने से रोका था। लेकिन बाद में स्थितियां बदलीं और श्रीराम विष्णुलोक गए।
- हनुमानजी ने श्रीराम को अंतिम समय में यह वचन दिया था। कि वह पृथ्वी पर अदृश्य रूप में रहकर राम नाम का स्मरण करते हुए उन्हें महाप्रलय तक पूजते रहेंगे। इसीलिए माना जाता है हनुमानजी
- आज भी हमारे बीच में हैं। और उन्हें सच्चे मन से याद किया जाए तो वह भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं।
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