Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chintaman Temple: चिंतामण गणेश मंदिर में कब की जाती है चोला आरती और क्या है इसका धार्मिक महत्व?

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 07:00 PM (IST)

    प्रत्येक माह की चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। विघ्नहर्ता की कृपा से सभी संकट दूर होते हैं। उज्जैन से 8 किमी दूर चिंतामण मंदिर है, जहाँ भगवान गणेश स्वयं-भू प्रकट हुए हैं। इस मंदिर में प्रतिदिन तीन बार आरती होती है, जिसमें चोला आरती सुबह 7 बजे की जाती है। यहाँ दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

    Hero Image

    Chintaman Temple: चिंतामण गणेश मंदिर का इतिहास

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी और विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। विशेष कामों में सफलता पाने के लिए चतुर्थी के दिन व्रत रखा जाता है। वहीं, संध्या काल में चंद्र देव का दर्शन किया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ganesh ji

    सनातन शास्त्रों में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही गणपति बप्पा की कृपा से करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक निकटतम मंदिर में गणपति बप्पा के दर्शन कर उनकी कृपा के भागी बनते हैं।

    देशभर में कई प्रमुख गणपति मंदिर हैं। इनमें एक मंदिर मध्य प्रदेश में हैं, जो चिंतामण, इच्छामन और सिद्धिविनायक से प्रसिद्ध हैं। चिंतामण मंदिर में रोजाना चोला आरती का आयोजन किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि चिंतामण मंदिर में चोला आरती कब की जाती है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं।

    चिंतामण मंदिर (Chintaman Mandir)

    उज्जैन को महाकाल की नगरी कहा जाता है। इस नगर में स्वयं देवों के देव महादेव विराजते हैं। कहते हैं कि उज्जैन स्थित महाकाल के दर्शन मात्र से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। उज्जैन से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर चिंतामण मंदिर है। इस मंदिर में भगवान गणेश स्वयं-भू प्रकट हुए हैं। चिंतामण मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। इस मंदिर में एक बाबड़ी है, जो त्रेतायुगकालीन है।

    धार्मिक मत है कि चिंतामण मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। गणपति बप्पा के दरबार में तीन समय आरती की जाती है। इनमें चोला आरती सबसे पहले होती है। वहीं, सबसे अंत में शयन आरती की जाती है। गणपति जी की आरती में बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल होते हैं।

    कब होती है चोला आरती?

    श्री चिंतामण गणेश मंदिर खुलने का समय सुबह 05 बजे है। वहीं, देर रात 10 बजे मंदिर बंद होता है। इस दौरान तीन बार गणपति बप्पा की आरती की जाती है। इनमें सबसे पहले चोला आरती की जाती है। चोला आरती रोजाना सुबह 07 बजे होती है।

    Image Credit: Chintaman Ganesh Ujjain

    यह भी पढ़ें- Chintaman Temple: इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने से दूर होती है हर चिंता, भगवान राम से जुड़ा है कनेक्शन

    यह भी पढ़ें- 'त्र‍िजटा' को काशी में म‍िला एक द‍िन की देवी का मान, आज भी होती है इस द‍िन व‍िशेष पूजा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।