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    Trimbakeshwar Jyotirlinga के दर्शन से सभी मुरादें होती हैं पूरी, जानें कैसे अवतरित हुआ ज्योतिर्लिंग?

    Updated: Tue, 23 Jul 2024 01:47 PM (IST)

    त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple Nashik) के भीतर तीन छोटे-छोटे ज्योतिर्लिंग हैं इसे ब्रह्मा विष्णु और महेश के रूप में देखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां पूजा और दर्शन करने से महादेव प्रसन्न होकर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। साथ ही पूर्व जन्म और इस जन्म में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है।

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    Trimbakeshwar Jyotirlinga Mandir: त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का रहस्य

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Trimbakeshwar Jyotirling Temple: देश में देवों के देव महादेव को समर्पित ऐसे कई मंदिर हैं, जो मान्यता या फिर किसी अन्य वजह से प्रसिद्ध हैं। इनमें  त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भी शामिल है। सनातन धर्म में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में शामिल है। मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्रयंबक गांव में स्थापित है। इस ज्योतिर्लिंग से मां गंगा का संबंध है। ऐसे में आइए जानते हैं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा और मंदिर से जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में।  

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    त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा (Trimbakeshwar Jyotirlinga Katha)

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक पर्वत पर स्थापित आश्रम में महर्षि गौतम और उनकी पत्नी वास करते थे, लेकिन आश्रम के कई ऋषि-मुनि मन में महर्षि गौतम के प्रति ईर्ष्या का भाव रखते थे। उन्हें समाज में नीचा दिखने की कोशिश करते थे। महर्षि गौतम ने आश्रम में न रहने के बारे में सोचा। ऋषि-मुनि ने गौतम ऋषि पर गौहत्या का आरोप लगाया। ऐसे में गौतम ऋषि ने सृष्टि पर मां गंगा को अवतरित होने पर विचार-विमर्श किया।

    इसके बाद वह एक शिवलिंग को स्थापित कर सच्चे मन से तपस्या करने लगे। ऐसा देख महादेव प्रसन्न होकर प्रकट हुए। तब गौतम ऋषि ने भगवान शिव से मां गंगा को प्रकट करने के लिए वरदान मांगा। लेकिन इसपर मां गंगा ने यह शर्त रखी कि यदि भगवान शिव इस स्थान पर रहेंगे, तभी वह यहां रहेंगी। महादेव ने इस शर्त को स्वीकार किया और शिव जी ने त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का रूप धारण कर यहीं पर बस गए।

    क्यों खास है त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (What is special about Trimbakeshwar Temple)

    मंदिर के भीतर तीन छोटे-छोटे ज्योतिर्लिंग हैं, इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि यहां पूजा करने से महादेव प्रसन्न होकर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

    त्र्यंबकेश्वर दर्शन के नियम क्या हैं (What are the rules for Trimbakeshwar darshan)

    त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर खुलता है और रात 09 बजे मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं। भक्त ज्योतिर्लिंग के दर्शन 5 मीटर की दूरी से कर सकते हैं। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सिर्फ विशेष पूजा करने के लिए पुरुषों को गर्भगृह में प्रवेश की परमिशन है।

    त्र्यंबकेश्वर मंदिर में वीआईपी टिकट की कीमत क्या है (What is the cost of VIP ticket in Trimbakeshwar Temple)

    अगर आप इस मंदिर के दर्शन वीआईपी पास के द्वारा करना चाहते हैं, तो इस पास की कीमत 200 रुपये है। इसके अलावा निशुल्क दर्शन भी किए जा सकते हैं।

    त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर आरती टाइमिंग (Trimbakeshwar Temple Aarti Timing)

    इस मंदिर में आरती सुबह 05 बजकर 30 मिनट से होती है।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

    (Pic Credit- instagram/trimbakeshwar_jyotirling_ )