Move to Jagran APP

Talai wale Balaji Temple में चोला चढ़ाने से पापों से मिलती है मुक्ति, लेकिन करना पड़ता है 22 वर्ष का इंतजार

संकटों को दूर करने के लिए मंगलवार का दिन उत्तम माना जाता है। इस दिन हनुमान जी और बालाजी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। देशभर में बालाजी के कई मंदिर हैं। इनमें एक ऐसा भी मंदिर शामिल है जहां बालाजी के दर्शन करने से साधक के सभी पाप खत्म होते हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर (Talai wale Balaji Temple) से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 17 Sep 2024 03:08 PM (IST)
Hero Image
Talai wale Balaji Temple: मंदसौर में है तलाई बालाजी का मंदिर

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मंगलवार के दिन को अधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन हनुमान जी के बाल स्वरूप बालाजी की भी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही चोला अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से बालाजी साधक के सभी दुख-दर्द दूर करते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। एक ऐसा मंदिर मध्यप्रदेश के मंदसौर में है। यह मंदिर बालाजी को समर्पित है। इसे तलाई वाले बालाजी मंदिर (Talai wale Balaji Mandir) के नाम से जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में बालाजी को चोला अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं को 22 वर्षों का इंतजार करना पड़ता है। आइए जानते हैं आखिर किस कारण श्रद्धालुओं को इतना लंबा इंतजार करना पड़ता है।

ये है वजह

ऐसा माना जाता है कि 22 वर्ष का संबंध चक्र सनातन धर्म से जुड़ा होता है। कहा जाता है कि 22 वर्षों के बाद आत्मा के जीवन की शुरुआत होती है। इसी वजह से 22 साल बाद ही तीर्थ स्थलों के दर्शन करने से साधक को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसे जीवन के सभी पापों से छुटकारा मिलता है। धार्मिक ग्रंथों की माने तो जो साधक तलाई बालाजी मंदिर में सच्चे मन से 22 साल के बाद चोला अर्पित करता है, उसे बालाजी और भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

यह भी पढ़ें: Shri Bade Hanuman Ji Mandir: इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन मात्र से हर मनोकामना होती है पूरी

मंदिर में विराजमान हैं कई प्रतिमाएं

मंदिर अपनी भव्यता की वजह से मशहूर है। मंदिर में स्थापित बालाजी की मूर्ति 7 फीट ऊंची है। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन वास्तुकला शैली के आधार पर किया गया है। मंदिर में भगवान श्री राम, मां सीता, भगवान लक्ष्मण और शिव परिवार की मूर्ति विराजमान हैं।

इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार के दिन रक्षा स्त्रोत हवन का विशेष आयोजन किया जाता है। इस कार्य के लिए लोगों में लंबा इंतजार करना पड़ता है। तलाई बालाजी मंदिर में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पूजा-अर्चना की है।

यह भी पढ़ें: Kailash Kund Yatra 2024: कैसे हुई कैलाश कुंड यात्रा की शुरुआत, नाग देवता से है इसका कनेक्शन


अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।