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    Radha Ashtami 2024: पहाड़ी पर स्थित है राधा रानी का ये मनमोहक मंदिर, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्य

    पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में राधा अष्टमी 11 सितंबर (Radha Ashtami 2024) को मनाई जाएगी। देशभर में राधा रानी के कई मंदिर हैं। इनमें बरसाना का राधा रानी का मंदिर भी शामिल है। मान्यता के अनुसार राधा रानी के मंदिर में प्रेमी जोड़े एक साथ दर्शन करते हैं तो उनके जीवन में सदैव प्यार बढ़ता है और रिश्ते मजबूत होते हैं।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 04 Sep 2024 02:23 PM (IST)
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    बरसाना मंदिर का इतिहास है कई वर्षों पुराना

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में राधा अष्टमी के पर्व का विशेष महत्व है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी (Radha Ashtami 2024) का त्योहार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन राधा रानी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस खास अवसर के लिए देश-विदेश के राधा रानी के मंदिरों को सजाया जाता है और मंदिरों में खास रौनक देखने को मिलती है।

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    अगर आप इस शुभ असवर पर किसी मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप राधा रानी के मंदिर (Shri Radha Rani Temple) जरूर जाएं। जो उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के बरसाना में स्थित है। मंदिर राधा रानी को समर्पित है। इसे राधा रानी का महल के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में।

    राधा रानी मंदिर का इतिहास

    इस मंदिर में राधा रानी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को 250 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह मंदिर पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है। मंदिर का निर्माण लगभग 500 वर्ष पहले ओरछा नरेश ने कराया था। मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना है और मंदिर में स्तंभ हैं। इसमें मुगल काल की संरचना देखने को मिलती है।

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    बहुत महत्वपूर्ण है मंदिर

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद 15 दिन बाद भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा रानी का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इसी वजह से राधा रानी के भक्तों के लिए यह मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण है।

    राधा रानी मंदिर टाइमिंग

    राधा रानी मंदिर सुबह 05 बजे खुलता है और दोपहर में 02 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। वहीं, संध्याकाल में 05 बजे मंदिर के कपाट दर्शनों के लिए खोल दिए जाते हैं और 09 बजे मंदिर बंद होता है।

    कैसे पहुंचे राधा रानी मंदिर?

    अगर आप राधा रानी के मंदिर जाना जाते हैं, तो यह मंदिर दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर स्थित कोसीकलां से 7 किमी दूर है। वहीं, मथुरा से 50 किमी की दूरी पर है। यहां मंदिर तक बस, कार या टैक्सी की मदद से आसानी से पहुंच सकते हैं।

    इसके अलावा भारतीय रेलवे का भी ऑप्शन है। इस मंदिर के पास कोसीकलां रेलवे स्टेशन है। यहां पहुंचने के बाद मंदिर तक बस और कार के द्वारा जा सकते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।