Neelkanth Mahadev Temple: ऋषिकेश में स्थित है भगवान शिव का यह चमत्कारी मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं
उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने यहीं विषपान किया था, जिससे उनका कंठ नीला पड़ गया। इस मंदिर के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शत्रु भय समाप्त होता है।
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Neelkanth Mahadev Mahadev Temple: नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित माना जाता है। इस दिन भक्ति भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। सोमवार का व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।

वहीं, पूजा के समय भगवान शिव का जलाभिषेक एवं रुद्राभिषेक किया जाता है। भगवान शिव जलाभिषेक से शीघ्र प्रसन्न होते हैं। अपनी कृपा साधक पर बरसाते हैं। देशभर में भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें एक नीलकंठ महादेव मंदिर भी है, जो अपनी विशेषता के लिए दुनियारभर में प्रसिद्ध है। आइए, नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple) के बारे में जानते हैं-
कहां है नीलकंठ महादेव मंदिर?
उत्तराखंड में देवों के देव महादेव को समर्पित कई प्रमुख मंदिर हैं। इनमें ऋषिकेश स्थित नीलकंठ मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसके साथ ही शिवजी को समर्पित कई अन्य प्रमुख मंदिर भी उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित हैं। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश से कई कोस दूर है। इस मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन मात्र से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही शत्रु भय भी समाप्त हो जाता है।
नीलकंठ महादेव मंदिर
सनातन शास्त्रों में निहित है कि असुरों को पराजित करने के लिए देवताओं ने दानवों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। समुद्र मंथन के दौरान सबसे पहले गरल यानी विष निकला था। इससे तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। उस समय देवताओं ने भगवान शिव से रक्षा करने की वंदना की। देवताओं की वंदना स्वीकार कर भगवान शिव ने विष पान किया था।
कहते हैं कि जिस स्थान पर भगवान शिव ने विष ग्रहण किया, वर्तमान में वह स्थान नीलकंठ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। बड़ी संख्या में साधक भगवान शिव के दर्शन के लिए देश-विदेश से नीलकंठ महादेव मंदिर आते हैं। भगवान शिव के दर्शन करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
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