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जानें भारत के अलावा विदेशों में और कहां-कहां हैं बाबा बर्फानी

अमरनाथ में बर्फ के शिवलिंग के दर्शन का लाभ विदेशों में भारतीयों को नहीं मिल पाता उनके पास मौका है कि वे इन चार देशों में बने बर्फानी बाबा के दर्शन करें।

By molly.sethEdited By: Published: Wed, 26 Jul 2017 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jul 2017 12:42 PM (IST)
जानें भारत के अलावा विदेशों में और कहां-कहां हैं बाबा बर्फानी
जानें भारत के अलावा विदेशों में और कहां-कहां हैं बाबा बर्फानी

अमरनाथ के दर्शन को उमड़ते हैं श्रद्धालु

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अमरनाथ की गुफा में बने बर्फानी बाबा के नाम से प्रसिद्ध शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों की तादात में देश विदेश से भक्‍त हर साल आते हैं। सावन में रक्षा बंधन तक होने वाली अमरनाथ यात्रा और शिवलिंग के दर्शन अभी चल रही है। और लोग इसका लाभ उठा रहे हैं। इसके बावजूद कई भक्‍त विशेष रूप से जो विदेशों में रहते हैं वो चाह कर भी उनके दर्शन के लिए कई बार आने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में इन लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि चार ऐसी यूरोपियन कंट्रीज भी हैं जहां अमरनाथ की ही तरह बर्फ के शिवलिंग निर्मित होते हैं और उनके दर्शन किए जा सकते हैं। 

ऑस्‍ट्रिया में आइसरिजनवेल्‍ट के बर्फ के शिवलिंग

यूरोपियन कंट्री ऑस्‍ट्रिया के आइसरिजनवेल्‍ट इलाके में एक गुफा में बर्फ के शिवलिंग जैसी विशाल आकृति बनती है। इसके साथ वहां छोटे छोटे और भी कई शिवलिंग दिखाई देते हैं। कहते हैं कि ये दुनिया की सबसे बड़ी गुफा है। इस शिवलिंग का र्निमाण मई के महीने से शुरू हो कर अक्‍टूबर तक चलता है। 

स्‍लोवाकिया में दोबसीना का शिवलिंग

इसी तरह 1870 में रुफीनी नाम के इंजीनियर ने स्‍लोवाकिया के दोबसीना में एक गुफा खोजी। यूनेस्‍को की वर्ल्‍ड हेरिटेज लिस्‍ट में दर्ज इस गुफा का नाम दोबसिंस्‍का रखा गया। यहां पर भी बर्फ जम कर शिवलिंग जैसी आकृति का र्निमाण करती है। 

स्विट्जरलैंड में मिटेलालालिन

अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है स्‍विटजरलैंड और इसके मिटेलालालिन में उतनी ही खूबसूरत गुफा में एक बर्फ के शिवलिंग की आकृति र्निमित होती है। इस स्‍थान को रंग बिरंगी रोशनी से सुसज्‍जित भी किया गया है। करीब 70 फुट लंबी सुरंग से गुजर कर भक्‍त इस शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचते हैं। इसे फेयरी ग्‍लेशियर कहते हैं। 

अलास्का में मेंडेनहॉल में बर्फ के शिव

अलास्‍का बेहद ठंडा इलाका है और यहां साल भर बर्फ जमी रहती हैं। यहां पर भी कई छोटी शिवलिंग जैसी आकृतियां और सांप और मछली जैसी आकृतियां भी बनी दिखाई देती हैं। जानकारों का कहना है कि ये आकृतियां ग्‍लोबल वार्मिंग के चलते बनी हैं।  


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