कोई अति प्राचीन तो कुछ चार धाम का हिस्सा ऐसे है भगवान विष्णु के ये मंदिर
आइये आज आपको भगवान विष्णु के पांच विशेष मंदिरों के बारे में जिनमें से कुछ तो चार धामों में से एक हैं और कोई अत्यंत प्राचीन होने के चलते इतिहास का हिस्सा है।
बद्रीनाथ धाम
बद्रीनाथ मंदिर को बद्रीनारायण मंदिर भी कहते हैं। ये अलकनंदा नदी के किनारे उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के रूप बदरीनाथ को समर्पित है। यह हिन्दुओं के चार धाम में से एक धाम भी है। ऋषिकेश से यह 294 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित है। ये पंच-बदरी में से एक बद्री हैं। उत्तराखंड में पंच बदरी, पंच केदार तथा पंच प्रयाग पौराणिक दृष्टि तथा हिन्दू धर्म की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। यह भगवान विष्णु को समर्पित 108 मंदिरों (दिव्य देसम) में शामिल है, जिनका तमिल संतों ने छठी से 9वीं शताब्दी के बीच उल्लेख किया था।
जगन्नाथ पुरी मंदिर
श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिन्दू मंदिर है, जो भगवान विष्णु के एक रूप श्री जगन्नाथ अर्थात श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है। यह मंदिर भी वैष्णवो के 'चार धाम' में शामिल है। जगन्नाथ पुरी से कई अदभुत कथाएं जुड़ीं हैं। यहां हर साल निकलने वाली विशेष रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
रंगानाथ स्वामी मंदिर
रंगनाथ स्वामी मंदिर श्रीरंगम में स्थित हिन्दुओं का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हिन्दू देवता भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे भूलोक का वैकुंठ या भगवान विष्णुजी का धाम भी कहा जाता है। यहां विष्णु जी की पूजा श्री रंगनाथन के रूप में की जाती है। यह मंदिर कावेरी नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर के निर्माण से संबंधी कई प्राचीन कहानियां जुड़ी हुई हैं। रंगानाथ स्वामी श्री हरि के विशेष मंदिरों में से एक है। कहा जाता है भगवान विष्णु के अवतार श्री राम ने लंका से लौटने के बाद यहां पूजा की थी।
वेंकटेश्वर मंदिर
तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर तिरुपति में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिर है। तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अदभुद उदाहरण हैं। यह भगवान विष्णु के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
द्वारिकाधीश मंदिर
यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। माना जाता है द्वारिकाधीश लगभग 2000 साल पुराना मंदिर है। किंवदंती है कि इस मंदिर को भगवान कृष्ण के पोते वज्रनाभ ने बनवाया था। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि द्वारिका में है, जो श्री कृष्ण की कर्मस्थली मानी जाती है। द्वारिकाधीश भी 'चार धाम' में से एक है। यह सात पुरियों में एक पुरी है, इसीलिए इसका नाम द्वारका पुरी से रखा गया है। यह नगरी भारत के पश्चिम में समुंद्र के किनारे पर बसी है।