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    Jagannath Mandir की तीसरी सीढ़ी पर क्यों नहीं रखते पैर, यमराज से जुड़ा है गहरा नाता

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 01:11 PM (IST)

    पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर देशभर के प्रमुख मंदिरों में शमिल है। इस मंदिर से जुड़े कई रहस्य हैं जिनको जानकर लोग हैरान होते हैं। जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी (Jagannath Temple third step Secret) रहस्यमयी है जिस पर पैर रखने की मनाही है। ऐसे में आइए जानते हैं इस रहस्य के बारे में।

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    पढ़िए जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी की रोचक बातें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान जगन्नाथ भगवान विष्णु के अवतार हैं। इनकी पूजा उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ होती है। देशभर में भगवान जगन्नाथ के कई मंदिर हैं, जिनमें ओडिशा के पुरी में स्थित मंदिर को चार धाम में से एक माना जाता है।

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    इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में इस मंदिर से जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत होती है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस उत्सव में शामिल होने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है।

    साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple mystery) से जुड़े कई रहस्य हैं, जिनके बारे में लोग जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।

    ऐसे में इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर पैर नहीं क्यों नहीं रखा जाता है। इस रहस्य का संबंध यमराज (Yamraj third step story) से माना जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

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    जगन्नाथ पुरी को पृथ्वी का बैकुंठ कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान श्रीहरि वास करते हैं। इसलिए जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ (Jagannath Puri temple customs) के दर्शन करने से भक्तों को सभी पापों से छुटकारा मिलता है।

    इसलिए नहीं रखते तीसरी सीढ़ी पर पैर  

    पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में एक बार भगवान जगन्नाथ के पास यमराज पहुंचे, तो उन्होंने जगन्नाथ जी से कहा कि जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करने से सभी पाप दूर होते हैं और कोई भी यमलोक नहीं आता।

    उनकी इस बात को सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी पर आप अपना स्थान ग्रहण करें, जिसे यम शिला के नाम से जाना जाएगा। जो श्रद्धालु मेरे (जगन्नाथ) के दर्शन करने के बाद इस सीढ़ी पर पैर रखेगा, तो इससे सभी पापों से छुटकारा मिलेगा लेकिन यमलोक प्राप्त होगा।  

    यह सीढ़ी मंदिर के प्रमुख द्वार से एंट्री करते समय नीचे से तीसरी सीढ़ी है, जिसे यम शिला कहा जाता है। भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के बाद इस सीढ़ी पर पैर रखने से सभी पाप दूर हो जाएंगे, लेकिन यमलोक जाना पड़ेगा। इसी वजह से जगन्नाथ पुरी मंदिर की 22 सीढ़ियों में से दर्शन करने के बाद नीचे से तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने की मनाही है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।