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    राजा जनक ने कब और कहां पर की थी शिवलिंग की स्थापना, मां सीता से है गहरा नाता

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 18 Dec 2024 09:05 PM (IST)

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम एवं मां सीता का विवाह हुआ था। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम ने सीता स्वयंवर में भगवान शिव के पिनाक धनुष (Pinak Dhanush) को तोड़ा था। उस समय माता सीता ने वरमाला भगवान श्रीराम को पहनाई थी। भगवान श्रीराम के पिता राजा दशरथ थे।

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    Shiva Lingas: शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। राजा जनक त्रेता युग के समकालीन थे। इनके पिता का नाम ह्रस्वरोमन था और माता का नाम कैकसी था। तत्कालीन समय में जनक एक उपाधि थी, जो विदेह के नरेश ने मान-सम्मान और गरिमा को बढ़ाने के लिए अपनाई थी। राजा जनक दो भाई थे। उनके छोटे भाई का नाम कुशध्वज था। अपने शासन काल में राजा जनक ने कई युद्ध किये। सुधन्वन को हराकर राजा जनक ने अपने भाई कुशध्वज को सामकस्य राज्य का नरेश बनाया था। राजा जनक परम प्रतापी एवं दयालु थे। उनकी चर्चा न केवल मिथिला, बल्कि अन्य प्रदेशों में थी। लेकिन क्या आपको पता है कि राजा जनक भी दशानन रावण की तरह भगवान शिव के परम भक्त थे? भगवान शिव की पूजा करने एवं जगत की देवी मां शक्ति को पुत्री रूप में प्राप्त करने के लिए राजा जनक ने अपने राज्य में कई शिवलिंग ( Shiva Linga Sthapana in Mithila) स्थापित किये थे। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    कथा

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि एक बार मिथिला लोक में अकाल पड़ा था। उस समय राज्य के पंडितों ने उन्हें यज्ञ कर इंद्र देव को प्रसन्न करने की सलाह दी। तब राजा जनक ने अपने राज्य यानी मिथिला में महायज्ञ किया। इस यज्ञ के समय राजा जनक ने शिवलिंग स्थापित (Shiva Lingas significance) की। इसके पश्चात, भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की। इसी स्थान पर भगवान शिव और मां पार्वती ने यज्ञ पूर्ण होने और मां सीता की पुत्री रूप में प्राप्त करने का वरदान दिया था। इस यज्ञ के दौरान राजा जनक ने हल चलाना शुरू किया। उस समय मां सीता की उत्पत्ति हुई। माता सीता की उत्पत्ति के साथ ही आसमान से तेज बारिश होने लगी। इससे अकाल की समस्या दूर होगी। तत्कालीन समय में राजा जनक ने चारों दिशाओं में शिवलिंग स्थापित की। इसके अलावा, एक हलेश्वर और दूसरा कपिलेश्वर में भी शवलिंग स्थापित की। कुल मिलाकर राजा जनक ने मिथिला में 6 शिवलिंग स्थापित की।

    मिथिला में स्थापित शिवलिंग

    • कल्याणेश्वर महादेव मंदिर
    • जालेश्वर महादेव मंदिर
    • क्षीरेश्वर नाथ महादेव मंदिर
    • सप्तेश्वर नाथ महादेव मंदिर
    • हलेश्वर नाथ महादेव मंदिर
    • कपिलेश्वर नाथ महादेव मंदिर

    सनातन शास्त्रों में निहित है कि राजा जनक भगवान शिव के परम भक्त (Shiva worship in Mithila) थे। उनकी पूजा एवं तपस्या करते थे। भगवान शिव की तपस्या करने के लिए राजा जनक ने मिथिला यानी जनकपुर के चारों कोनों में शिवलिंग स्थापित की। इनमें हलेश्वर नाथ सीतामढ़ी में है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।