Shani Sade Sati: मीन राशि वालों पर कब से शुरू होगा साढ़ेसाती का अंतिम चरण? इन उपायों से पाएं शनिदेव की कृपा
मीन राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति देव हैं और आराध्य जगत के पालनहार भगवान विष्णु हैं। इस राशि वालों पर सुखों के कारक शुक्र देव की कृपा बरसती है। शुक्र देव की कृपा से मीन राशि वालों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव के गोचर से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू हुई है। इसके साथ ही सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हुई है। शनिदेव एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। अतः सिंह और धनु राशि के जातकों पर अगले ढाई साल तक शनि की ढैय्या रहेगी।
शनि के राशि परिवर्तन से सिंह और धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। वहीं, मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि शनिदेव कब राशि परिवर्तन करेंगे? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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शनि राशि परिवर्तन
न्याय के देवता शनिदेव एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। इसके बाद एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में गोचर करते हैं। आसान शब्दों में कहें तो राशि बदलते हैं। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से राशि चक्र की सभी राशियों पर ग्रहों की स्थिति और संबंध के अनुसार प्रभाव पड़ता है। साथ ही एक साथ तीन राशि के जातकों को शनि की बाधा से मुक्ति मिलती है।
साढ़े साती और शनि की ढैय्या
ज्योतिषियों की मानें तो शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में चलता है। एक चरण ढाई साल का होता है। वहीं, शनि की ढैय्या ढाई साल तक चलती है। वर्तमान समय में मेष राशि पर पहला चरण चल रहा है। वहीं, मीन राशि पर दूसरा और कुंभ राशि पर अंतिम चरण चल रहा है।
शनि गोचर
वर्तमान समय में शनिदेव मीन राशि में उपस्थित हैं। इस राशि में शनिदेव ढाई साल तक रहेंगे। इसके बाद राशि परिवर्तन करेंगे। शनिदेव 03 जून, 2027 को मेष राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) का अंतिम चरण शुरू होगा। वहीं, 08 अगस्त, 2029 को मीन राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।
इन उपायों से पाएं शनिदेव की कृपा
मीन राशि के जातक हर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही सोमवार और शनिवार के दिन काले तिल मिश्रित गंगाजल से देवों के देव महादेव का अभिषेक करें। इसके अलावा, शनिवार के दिन काले चीजों का दान करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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