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    Bhadrapada Amavasya 2023: भाद्रपद अमावस्या पर बुधादित्य योग समेत बन रहे हैं ये 3 शुभ योग, मिलेगा कई गुना लाभ

    Bhadrapada Amavasya 2023 अमावस्या तिथि पर विधि-विधान से भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद अमावस्या पर कई विशेष शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योगों के दौरान पूजा करने से कई गुना ज्यादा लाभ मिलता है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 13 Sep 2023 06:12 PM (IST)
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    Bhadrapada Amavasya 2023: भाद्रपद अमावस्या पर बुधादित्य योग समेत बन रहे हैं ये 3 शुभ योग, मिलेगा कई गुना लाभ

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Bhadrapada Amavasya 2023: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। तदनुसार, 14 सितंबर को भाद्रपद अमावस्या है। इसे पिठोरी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि अमावस्या तिथि पर विधि-विधान से भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद अमावस्या पर कई विशेष शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योगों के दौरान पूजा-उपासना करने से साधक को कई गुना ज्यादा लाभ मिलता है। साथ ही जन्म जन्मांतर में किए हुए पाप कट जाते हैं। आइए, इन शुभ योगों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

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    बुधादित्य योग

    ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार, वर्तमान समय में सूर्य देव सिंह राशि में विराजमान हैं। वहीं, बुध देव भी सिंह राशि में विराजमान हैं। अतः बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग के चलते सिंह राशि समेत कई अन्य राशियों को लाभ मिलेगा।

    साध्य योग

    ज्योतिष साध्य योग को शुभ मानते हैं। इस योग में शुभ कार्य कर सकते हैं। साथ ही साध्य योग में भगवान नारायण की पूजा करने से सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है। पंचांग के अनुसार, 14 सितंबर को देर रात 03 बजे से साध्य योग का निर्माण हो रहा है, जो दिनभर रहेगा।

    शुभ योग

    पिठोरी अमावस्या की तिथि पर शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग में सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। साथ ही शुभ योग में लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र योग का भी निर्माण हो रहा है।

    राहुकाल

    पिठोरी अमावस्या के दिन राहुकाल दोपहर 01 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 03 बजकर 22 मिनट तक है। इस दौरान शुभ कार्य करने से परहेज करें।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।