Shani Vakri 2025: शनि इस दिन करेंगे चाल में बदलाव, धनु राशि के खुलेंगे सफलता के मार्ग
13 जुलाई को शनि देव मीन राशि में वक्री होंगे जिससे धनु राशि को कई तरह के लाभ मिलेंगे और शनिदेव की कृपा प्राप्त होंगी। धैर्य और जिम्मेदारी से आत्मिक विकास में वृद्धि होगी। आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं कि शनि देव (Shani Vakri 2025) के मीन राशि में वक्री होने से धनु को कौन-से लाभ मिलेंगे।
आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। धनु राशि के चतुर्थ भाव में स्थित रहेंगे। यह भाव घर, माता, संपत्ति, आराम और भावनात्मक स्थिरता से जुड़ा होता है। घर खरीदने-बेचने, नई गाड़ी लेने या पारिवारिक खटपट जैसे मामलों में देरी हो सकती है। बीते समय की भावनात्मक उलझनों से जुड़ी बातें फिर सामने आ सकती हैं, जिन्हें अब सुलझाना जरूरी होगा। शनि देव (Shani Vakri 2025) अब आपसे शांत मन से अपने भीतर की स्थिरता को फिर से स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। आइए जानते हैं शनि वक्री से धनु राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
परिचय:
13 जुलाई से 30 नवंबर 2025 तक शनि वक्री (Saturn in Pisces impact) अवस्था में आपकी चतुर्थ भाव में रहेंगे, जो आपके पारिवारिक जीवन, भावनात्मक जड़ और मातृसंबंधों पर असर डालेंगें। यह समय आपको घर से जुड़ी जिम्मेदारियों, भावनात्मक यादों और आत्मिक शांति के स्तर पर परखने वाला है। चतुर्थ भाव में वक्री शनि कार्मिक मोड़ ला सकते हैं, जहां घर की सुख-सुविधाओं और अपनेपन की भावना पर पुनः विचार करना जरूरी होगा।
करियर:
वर्क-लाइफ बैलेंस संभालना मुश्किल हो सकता है। घर की जिम्मेदारियां काम पर ध्यान केंद्रित करने में बाधा बन सकती हैं। शनि देव छठे, दशम और प्रथम भाव (Saturn retrograde 2025) को भी दृष्टि से देख रहे हैं, जिससे कार्यस्थल पर दबाव, वरिष्ठों से अपेक्षा और आत्म-संदेह की स्थिति बन सकती है। लेकिन अगर आप धैर्य से काम लें और निरंतर मेहनत करें, तो धीरे-धीरे सफलता की राह खुलेगी।
फाइनेंस:
रियल एस्टेट से जुड़ी डील्स में देरी हो सकती है। चाहे वो खरीद हो या बिक्री। घर के रखरखाव या माता के स्वास्थ्य से जुड़े खर्च बढ़ सकते हैं। बिना पूरी जांच के कोई संपत्ति में निवेश न करें। भावनात्मक या जल्दबाजी में की गई खरीदारी से भी बचें। खर्चों में कटौती करना और दीर्घकालिक योजना बनाना ही इस समय की समझदारी है।
स्वास्थ्य:
इस गोचर के दौरान आप अंदर से थकान, सांस से जुड़ी तकलीफें या पाचन से जुड़ी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। महिलाओं को हार्मोन से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। शनि की इस स्थिति में ठीक होने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है, इसलिए योग, नियमित नींद और प्रकृति के करीब रहना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। अपनी भावनाओं को दबाएं नहीं, बल्कि समझदारी से उन्हें बाहर निकालें।
परिवार:
माता या घर के बुज़ुर्गों से संबंधों में तनाव हो सकता है। परिवार की जिम्मेदारियां बोझ की तरह लग सकती हैं। ऐसे में सीमाओं को समझना और संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अपने घर के वातावरण को सुधारना, चाहे भावनात्मक हो या भौतिक, अब आपके कर्तव्यों में शामिल है। परिवार का आधार बनें, पर किसी और की सारी परेशानियां खुद पर न लें।
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शिक्षा:
घर का तनाव विद्यार्थियों को पढ़ाई में बाधित कर सकता है। खासकर उन छात्रों के लिए जो घर से पढ़ते हैं या जिनके विषय भावनात्मक रूप से गहरे हैं (जैसे कि मनोविज्ञान, कानून या नर्सिंग), उन्हें अधिकमानसिक मजबूती की ज़रूरत होगी। एक शांत और नियमित अध्ययन स्थान बनाना बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष:
शनि का यह वक्री चरण आपको आत्ममंथन की ओर ले जाता है। यह समय सिखाता है कि शांति केवल बाहरी आराम से नहीं, बल्कि अंदरूनी संतुलन से मिलती है। आपको अपनी पुरानी आदतों से मुक्ति पाकर, बीते दर्द को ठीक करके आगे बढ़ना होगा।
उपाय:
- रोजाना सूर्यास्त के समय घर में घी का दीपक जलाएं।
- सोमवार को दूध या चावल का दान करें।
- शनिवार को “ॐ शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- माता जी की सेवा करें या वृद्ध महिलाओं की सेवा करें।
- घर को साफ-सुथरा और आध्यात्मिक रूप से पवित्र बनाए रखें।
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यह राशिफल श्री आनंद सागर पाठक, astropatri.com द्वारा लिखा गया है , अपने सुझाव और प्रतिक्रियाओं के लिए आप उन्हे hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते है।
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