Shani Vakri 2025: शनि वक्री होने से कुंभ राशि की कर्ज की समस्या होगी दूर, मिलेंगे ये लाभ
13 जुलाई को शनि देव का मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। यह समय कुंभ राशि के लिए धन प्रबंधन पारिवारिक जिम्मेदारियों और अपनी वाणी को लेकर सजगता का है। आपको जिम्मेदारी दिखाने की आवश्यकता है। ऐसे में आइए ऐस्ट्रॉलजर आनंद सागर पाठक से जानते हैं कि कुंभ राशि को कौन-से लाभ मिलेंगे।

आनंद सागर पाठक, एस्ट्रोपत्री। 13 जुलाई 2025 से शनि देव मीन राशि में वक्री होकर कुंभ राशि के दूसरे भाव में स्थित रहेंगे। यह भाव धन, वाणी, पारिवारिक मूल्यों और संचित संपत्ति से जुड़ा होता है। शनि का वक्री (Saturn in Pisces impact)होना यहां पारिवारिक तनाव, आर्थिक देरी और संवाद में गलतफहमी ला सकता है। इस समय कुछ समय के सुखों की जगह दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा पर ध्यान देना उचित रहेगा। ऐसे में आइए शनि के वक्री होने से कुंभ (Shani Vakri 2025 Aquarius) राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
परिचय:
आपकी राशि के स्वामी शनि देव, मीन राशि में वक्री (Shani Vakri 2025) होकर दूसरे भाव में गोचर करेंगे। यह भाव आपकी वाणी, भोजन की आदतों, धन और कुल परंपरा से जुड़ा है। शनि का यह गोचर आपको इस बात की समीक्षा करने के लिए प्रेरित करता है कि आप संसाधनों का कैसे प्रबंधन कर रहे हैं। बीते कर्म, जो धन, वाणी या वंश से जुड़े हैं, अब सामने आ सकते हैं और उन्हें सुलझाना जरूरी होगा।
करियर:
आय में रुकावट या पेमेंट में देरी की स्थिति बन सकती है। यदि आप कमीशन आधारित काम कर रहे हैं तो करियर की स्थिरता डगमगा सकती है। पारिवारिक व्यवसाय या निवेश से जुड़ने पर कुछ राहत मिल सकती है। शनि (Saturn retrograde 2025) की दृष्टि चतुर्थ, अष्टम और एकादश भाव पर भी है, जिससे ऑफिस में तनाव, प्रतिस्पर्धा और पीठ पीछे की बातों से सामना हो सकता है। इस समय करियर में स्थिरता, सादगी और जिम्मेदारी बनाए रखना बेहतर होगा। जोखिम भरे निर्णय या नौकरी बदलने से बचें।
फाइनेंस:
खर्चों में अचानक बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर परिवार, भोजन या कर्ज से जुड़े मामलों में। इसलिए बजट बनाकर चलना बेहद जरूरी है। इस समय फिजूलखर्ची और ऋण लेने से बचें। पुराने ऋण चुकाने का समय आ गया है। शनि इस भाव में दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण की प्रेरणा देते हैं, लेकिन वह भी संयम, बचत और पारंपरिक निवेश के रास्ते से।
स्वास्थ्य:
यह भाव वाणी और जीवनशैली से जुड़ा है, इसलिए गला, मुंह या पाचन संबंधी तकलीफें हो सकती हैं। अधिक मीठा या देर रात भोजन करने से बचें। कम बोलें, लेकिन सोच-समझकर और संयमित शब्दों में बात करें। अपनी ऊर्जा को बचाएं और वाद-विवाद से बचें। आर्थिक चिंता के कारण मानसिक तनाव हो सकता है, लेकिन सतर्कता और आत्म नियंत्रण से आप इससे प्रभावित नहीं होंगे।
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परिवार:
बुजुर्गों से बातचीत में तनाव हो सकता है। पैतृक संपत्ति, पारिवारिक कर्तव्य या न्याय को लेकर असहमति बन सकती है। इस समय तर्क से अधिक मौन और विनम्रता मददगार साबित होंगे। आपकी भावनात्मक परिपक्वता से पुराने रिश्तों की दरारें भर सकती हैं।
शिक्षा:
वित्त, वाणी या भाषा विषय पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रुकावट या निराशा का अनुभव हो सकता है। यह समय बुनियादी बातों को दोहराकर अपनी नींव मजबूत करने का है। आत्मविश्वास और धैर्य दोनों का संतुलन बनाए रखें। शनि का वक्री होना बार-बार अभ्यास और गहराई से समझने के लिए आदर्श समय है।
निष्कर्ष:
कुंभ राशि के लिए यह शनि वक्री गोचर संयम, जिम्मेदारी और वाणी पर नियंत्रण का पाठ पढ़ाता है। वाणी में अहंकार, खर्च में दिखावा और परिणामों से जुड़ी आसक्ति को त्यागें। जब आप सच्चाई, सरलता और ईमानदारी को अपनाते हैं, तो भीतर और बाहर दोनों जगह समृद्धि मिलती है।
उपाय:
- शनिवार को विशेष रूप से “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
- ब्राह्मणों या बुजुर्गों को सफेद मिठाई या चावल अर्पित करें।
- हर दिन कुछ मिनट मौन व्रत लें। जब तक जरूरी न हो, तब तक न बोलें।
- गुप्त रूप से भोजन या धन का दान करें। प्रशंसा की चाह में नहीं।
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यह राशिफल श्री आनंद सागर पाठक, astropatri.com द्वारा लिखा गया है , अपने सुझाव और प्रतिक्रियाओं के लिए आप उन्हे hello@astropatri.com पर ईमेल कर सकते हैं ।
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