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    Shani ki Pratyantar Dasha: कितने दिनों तक चलती है शनि की प्रत्यंतर दशा और कैसे करें न्याय के देवता को प्रसन्न?

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 11:00 PM (IST)

    शनिवार का दिन कर्मफल दाता शनिदेव को समर्पित है, जिनकी पूजा से करियर में सफलता और आर्थिक संपन्नता मिलती है। कुंडली में शनि कमजोर होने पर जीव ...और पढ़ें

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    Shani ki Mahadasha: शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार का दिन कर्मफल दाता शनिदेव को बेहद प्रिय है। इस दिन शनिदेव की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही करियर और कारोबार में सफलता और आर्थिक संपन्नता के लिए शनिवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को न केवल मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, बल्कि शनिदेव की असीम कृपा भी बरसती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में शनि कमजोर होने या शनि की कुदृष्टि पड़ने पर जातक को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही करियर और कारोबार में बाधा आती है। इसके लिए नियमित रूप से शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।

    शनि की महादशा में जातक को कर्म के अनुसार फल मिलता है। लेकिन क्या आपको पता है कि शनि की प्रत्यंतर दशा कितने दिनों तक चलती है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

    शनि की महादशा

    ज्योतिषियों की मानें तो शनि की महादशा तकरीबरन 19 साल तक चलती है। आसान शब्दों में कहें तो शनि की महादशा 18 साल 11 महीने तक चलती है। शनि की महादशा में सबसे पहले शनि की अंतर्दशा चलती है। शनि की महादशा के दौरान जातक को जीवन में कर्मों के अनुसार फल मिलता है। इसके बाद शनि की अंतर्दशा के बाद बुध, केतु, शुक्र, सूर्य, चंद्र, मंगल, राहु और गुरु की अंतर्दशा चलती है।

    शनि की प्रत्यंतर दशा

    शनि की अंतर्दशा 3 साल तक चलती है। वहीं, शनि की अंतर्दशा में कुल 173 दिनों की प्रत्यंतर दशा चलती है। इसके बाद बुध और अन्य ग्रहों की प्रत्यंतर दशा चलती है। इस दौरान जातक को कर्मों के अनुसार फल मिलता है। अच्छे कर्म करने वाले को शनिदेव शुभ फल देते हैं। वहीं, शनिदेव परीक्षा भी लेते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को शनिदेव दंड देते हैं। इससे जातक को जीवन में कठिन समय से गुजरना पड़ता है।


    शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

     शनिदेव के आराध्य जगत के पालनहार भगवान कृष्ण हैं। वहीं, भगवान शिव के परम भक्तों में शनिदेव की गिनती होती है। भगवान शिव और कृष्ण जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। अतः नियमित रूप से भगवान कृष्ण और शिवजी की पूजा करें। साथ ही काले चीजों का दान करें। इसके अलावा, शमी के पौधे की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।