Shani Gochar 2025: न्याय के देवता शनिदेव ने बदली अपनी चाल, इन राशियों के जीवन में होगा नया सवेरा
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र अमावस्या के दिन शनिदेव (Shani Nakshatra Parivartan 2025) राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा। सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ काम नहीं किया जाता है। चैत्र अमावस्या के दिन देवों के देव महादेव की पूजा करने से मनचाही मुराद पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मार्च का महीना कई राशि के जातकों के लिए शुभ रहने वाला है। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से कई राशि के जातकों को शनि की बाधा से मुक्ति मिलेगी। वहीं, कई राशि के जातकों पर शनि की कुदृष्टि का सामना करना पड़ सकता है। इससे पहले शनिदेव ने अपनी चाल बदली है। शनिदेव की चाल बदलने से कई राशि के जातकों को लाभ होगा। शनिदेव की कृपा से इन राशियों के सभी बिगड़े काम बनेंगे। करियर और कारोबार से संबंधित परेशानी दूर होगी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कब करेंगे शनिदेव राशि परिवर्तन?
न्याय के देवता शनिदेव चैत्र अमावस्या के दिन राशि परिवर्तन करेंगे। वर्तमान समय में शनिदेव कुंभ राशि में गोचर करेंगे। चैत्र अमावस्या के दिन यानी 29 मार्च को शनिदेव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के मीन राशि में गोचर करने के साथ ही मकर राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। वहीं, मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू होगी। वहीं, विनायक चतुर्थी से एक दिन पहले शनिदेव ने पूर्वाभाद्रपद के तीसरे चरण में गोचर किया है।
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तुला राशि
तुला राशि के स्वामी सुखों के कारक शुक्र देव हैं। वहीं, तुला राशि में शनिदेव उच्च होते हैं। इसके लिए तुला राशि के जातकों पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं। शनिदेव की चाल बदलने से यात्रा के योग बन रहे हैं। मन में चंचलता भरी रहेगी। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। शत्रुओं पर जीत हासिल होगी। धर्म-कर्म में रूचि बढ़ेगी। शनिदेव की कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। धन संपत्ति में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, निवेश करने से पहले घर के बड़ों लोगों की अवश्य सलाह लें।
वृषभ राशि
शनिदेव की कृपा से वृषभ राशि के जातकों को जीवन में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। शुभ कामों में सफलता मिलेगी। स्वभाव में विनम्रता आएगी। करियर में बदलाव देखने को मिलेगा। प्रमोशन के योग हैं। रुके काम में गति आएगी। शत्रुओं को परास्त करने में सफल होंगे। विदेश यात्रा के भी योग हैं। हालांकि, गलत काम करने से शनिदेव की कुदृष्टि पड़ सकती है। समाज सेवा में मन लगेगा। आप अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर रहेंगे। कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से शनि की बाधा दूर होगी।
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