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    Shani Gochar: शनि गोचर से इन राशियों की बदलेगी तकदीर, खुशियों से भर जाएगा जीवन

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 06:39 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो देवों के देव महादेव की पूजा करने से न्याय के देवता शनिदेव (Shani gochar effects) प्रसन्न होते हैं। अपनी कृपा व्यक्ति विशेष पर बरसाते हैं। उनकी कृपा से जातक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही करियर और कारोबार में तरक्की की राह पर अग्रसर रहता है।

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    Shani Gochar: शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। न्याय के देवता शनिदेव एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। वर्तमान समय में शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इसके बाद शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से कई राशि के जातकों को शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। आइए, शनिदेव के राशि परिवर्तन के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    शनि गोचर 2027 (Shani planetary transit)

    वर्तमान समय में न्याय के देवता शनिदेव (Shani gochar effects) मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव 02 जून, 2027 तक रहेंगे। इसके अगले दिन कर्मफल दाता शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे। आसान शब्दों में कहें तो शनिदेव 03 जून, 2027 को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से कई राशि के जातकों को जीवन में मनमुताबिक सफलता मिलेगी। साथ ही शनि की बाधा से भी मुक्ति मिलेगी।

    शनि की ढैय्या

    शनि की ढैय्या ढाई साल तक रहती या चलती है। इस दौरान जातक को कर्मों के अनुसार फल मिलता है। मीन राशि में शनि के गोचर या उपस्थित होने के चलते सिंह और धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या चल रही है। वहीं, शनिदेव के मेष राशि में गोचर करने से सिंह और धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।

    साढ़ेसाती

    वर्तमान समय में मेष, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। इनमें कुंभ राशि के जातक साढ़ेसाती के अंतिम चरण से गुजर रहे हैं। वहीं, मीन राशि के जातकों पर दूसरा चरण जारी है। शनिदेव के मेष राशि में गोचर करने से कुंभ राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। इस तरह शनिदेव के राशि परिवर्तन से सिंह, धनु और कुंभ राशि के जातकों को शनि की बाधा से मुक्ति मिल जाएगी।

    शनि देव के मंत्र

    1. ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

    2. ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।

    3. ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।

    छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

    4. अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।

    दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।

    गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।

    आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।

    5. ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।

    ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।

    ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।