Shani Ast 2025: इस दिन अस्त होने जा रहे हैं शनिदेव, इन राशियों को बरतनी होगी सावधानी
शनि को ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। शनि अस्त (Shani Gochar 2025) का प्रभाव कुंभ और सिंह राशि वालों पर देखने को मिल सकता है। कारोबार से लेकर सेहत तक पर आपको शनि गोचर का असर देखने को मिलने वाला है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप किस तरह इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शुक्रवार, 28 फरवरी 2025 को शनिदेव शाम 07 बजकर 06 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त (Shani Ast 2025) होने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र की मानें, तो ग्रहों की चाल का सीधा असर उस ग्रह से संबंधित राशि के जातकों पर भी पड़ता है। माना जा रहा है कि शनि अस्त का समय कुछ राशियों के लिए काफी कठिन रह सकता है।
बढ़ सकता है तनाव
फरवरी के आखिर में शनि देव कुंभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव इस राशि पर साफतौर से देखा जा सकता है। शनि के प्रभाव से इस राशि के खर्चों में वृद्धि हो सकती है। कुंभ राशि के जातकों को ऊर्जा में कमी देखने को मिल सकती है। इसलिए अपनी सेहत का खासतौर से ध्यान रखें और खानपान की शैली में सुधार लाएं। नौकरीपेशा लोगों के लिए कार्यक्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
इस राशि पर भी पड़े असर
सिंह राशि के जातकों पर भी शनि अस्त का प्रभाव देखने को मिलने वाला है। इस राशि के जातकों को राजनीति और सरकारी क्षेत्र में कुछ परेशानी देखने को मिल सकती है। आपको कार्यक्षेत्र में अपने सहयोगियों के कारण कुछ समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। कानूनी मामलों में जोखिम न उठाएं। इसी के परिवार में भी कुछ मतभेद देखने को मिल सकते हैं।
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करें ये उपाय
शनि अस्त के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए शनि चालीसा का पाठ करें। इसी के साथ शनिदेव के मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें। इसी के साथ आप शनिदेव से जुड़ी चीजों जैसे काले तिल, सरसों के तेल और लोहे से बनी चीजों का भी दान कर सकते हैं। रोजाना जल में काले तिल मिलाकर भी महादेव का अभिषेक भी करें। इन उपायों द्वारा आप बुरे प्रभावों से राहत पा सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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