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    Mesh Sankranti 2025 Date: कब मनाई जाएगी मेष संक्रांति? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 10 Mar 2025 07:07 PM (IST)

    ज्योतिषियों की मानें तो मेष राशि (Mesh Sankranti 2025 Date) में आत्मा के कारक सूर्य देव हमेशा उच्च के होते हैं। इसके लिए मेष राशि के जातकों पर सूर्य देव की विशेष कृपा बरसती है। उनकी कृपा से मेष राशि के जातक अपने जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है।

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    Mesh Sankranti 2025 Date: सूर्य देव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा एवं साधना की जाता है। सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। संक्रांति तिथि पर पूजा, जप-तप एवं दान किया जाता है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के मेष राशि में गोचर करने की तिथि पर मेष संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन खरमास समाप्त होता है। अत: मेष संक्रांति तिथि से सभी प्रकार के शुभ काम किए जाते हैं। आइए, मेष संक्रांति की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)

    ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आत्मा के कारक सूर्य देव 14 अप्रैल को राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव 14 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव 14 मई तक रहेंगे। इसके अगले दिन सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे।

    मेष संक्रांति शुभ मुहूर्त (Mesh Sankranti Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 अप्रैल को मेष संक्रांति मनाई जाएगी। 14 मार्च को पुण्य काल सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट तक है। वहीं, पुण्य क्षण देर रात 03 बजकर 30 मिनट पर है।

    मेष संक्रांति शुभ योग (Mesh Sankranti Shubh Yog)

    मेष संक्रांति पर अभिजीत मुहूर्त का संयोग है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 56 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। इस समय में पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही कौलव, तैतिल और गर करण के संयोग हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 07 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 08 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।