Dhanu Sankranti 2024 Date: दिसंबर महीने में कब है धनु संक्रांति? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा (Dhanu Sankranti 2024) करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस शुभ तिथि पर मार्गशीर्ष पूर्णिमा और अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां पार्वती की पूजा की जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में धनु संक्रांति का विशेष महत्व है। यह पर्व सूर्य देव के धनु राशि में गोचर करने की तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन से खरमास शुरू होता है। शास्त्रों में खरमास के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही है। संक्रांति तिथि पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदी और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके बाद सूर्य उपासना करते हैं। साथ ही तिलांजलि देते हैं। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक व्याधि दूर होती है। ज्योतिष भी करियर में सफलता पाने के लिए सूर्य देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। आइए, धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti 2024 Date) तिथि का शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2024)
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आत्मा के कारक सूर्य देव 15 दिसंबर को सूर्य देव देर रात 10 बजकर 10 मिनट पर धनु राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव 13 जनवरी, 2025 तक रहेंगे। इसके अगले दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे। इस शुभ अवसर पर यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
धनु संक्रांति शुभ मुहूर्त (Dhanu Sankranti Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, धनु संक्रांति तिथि पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 26 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 26 मिनट तक है। साधक पुण्य काल के दौरान गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर पूजा, जप-तप और दान-पुण्य कर सकते हैं। धनु संक्रांति के दिन महा पुण्य काल 1 घंटे और 43 मिनट का है।
धनु संक्रांति शुभ योग (Dhanu Sankranti Shubh Yog)
धनु संक्रांति पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शुक्ल योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में सूर्य देव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलेगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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