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    Aja Ekadashi 2024: अगस्त महीने में कब मनाई जाएगी अजा एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 12 Aug 2024 03:54 PM (IST)

    सनातन धर्म में एकादशी (Aja Ekadashi 2024) तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर व्रत उपवास रख भगवान श्रीहरि विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aja Ekadashi 2024: हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन अजा एकादशी मनाई जाती है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ तिथि पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा (Aja Ekadashi Puja Vidhi) की जाती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। आइए, अजा एकादशी की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    अजा एकादशी शुभ मुहूर्त (Aja Ekadashi Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि गुरुवार 29 अगस्त को देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 30 अगस्त को देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि गणना के अनुसार 29 अगस्त को अजा एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, व्रती 30 अगस्त को सुबह 07 बजकर 49 मिनट से लेकर 08 बजकर 40 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।

    शुभ योग (Aja Ekadashi Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो अजा एकादशी पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सिद्धि योग संध्याकाल 06 बजकर 18 मिनट तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग संध्याकाल 04 बजकर 39 मिनट से लेकर 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 08 मिनट तक है। इस तिथि पर भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे।

    पंचांग (Aja Ekadashi Panchang)

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 47 मिनट पर

    चन्द्रोदय- देर रात 02 बजकर 29 मिनट पर (30 अगस्त)

    चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 49 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।