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    Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ऐसे करें प्रसन्न, शुभ फल की होगी प्राप्ति

    Updated: Wed, 06 Mar 2024 06:23 AM (IST)

    एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से जीवन में शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि एकादशी पूजा के दौरान श्री हरि की आरती करने से साधक को मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

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    Vijaya Ekadashi 2024: विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ऐसे करें प्रसन्न, शुभ फल की होगी प्राप्ति

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Vishnu Aarti Lyrics : हर महीने में एकादशी दो बार आती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी आज है। इस विशेष अवसर पर भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है। ऐसे में यदि आप श्री हरि की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती अवश्य करें। साथ ही विशेष चीजों का भोग लगाएं। मान्यता है कि एकादशी पूजा के दौरान श्री हरि की आरती करने से साधक को मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है और विष्णु जी प्रसन्न होते हैं, तो चलिए आज भगवान विष्णु की आरती से उन्हें प्रसन्न करते हैं, जो इस प्रकार है-

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    ॥श्री हरि विष्णु की आरती॥

    ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

    भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

    जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

    सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥

    मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

    तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥

    तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥

    पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥

    तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

    मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥

    तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

    किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥

    दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

    अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥

    विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

    श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥

    तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

    तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥

    जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

    कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥

    एकादशी व्रत के प्रभावशाली मंत्र

    1. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

    हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

    2. ॐ नारायणाय विद्महे।

    वासुदेवाय धीमहि ।

    तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

    3. ॐ विष्णवे नम:

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।