Sawan Putrada Ekadashi 2024: कब है सावन पुत्रदा एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त, योग एवं महत्व
सनातन शास्त्रों में निहित है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। पुत्र प्राप्ति की इच्छा वाले दंपति पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi 2024) पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से न केवल पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है बल्कि जातक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना देवों के देव को समर्पित होता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाये जाते हैं। इनमें एक सावन पुत्रदा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत (Putrada Ekadashi 2024) के पुण्य-प्रताप से विवाहित महिलाओं को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। वहीं, सामान्य जन आय और सौभाग्य में वृद्धि हेतु व्रत रखते हैं। आइए, सावन पुत्रदा एकादशी के बारे में सबकुछ जानते हैं-
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पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 16 अगस्त को है। इस तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर होगी। वहीं, समापन 16 अगस्त को सुबह 09 बजकर 39 मिनट पर है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार 16 अगस्त को व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।
पुत्रदा एकादशी का पारण समय
साधक 16 अगस्त के दिन व्रत रख सकते हैं। इसके अगले दिन यानी 17 अगस्त को प्रातः काल 05 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट के मध्य व्रत खोल या तोड़ सकते हैं।
धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। वैष्णव समाज के अनुयायी एकादशी पर्व धूमधाम से मनाते हैं। इस अवसर पर मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। साथ ही भगवान विष्णु को समर्पित मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस व्रत की महिमा विष्णु पुराण में निहित है। एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को समस्त प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो पुत्रदा एकादशी पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 1 बजकर 12 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 17 अगस्त को सुबह 10 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
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